बढ़ता हिंदू राष्ट्रवाद भारत की धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा- अमेरिका
वॉशिंगटन। अमेरिका की एक रिपोर्ट ने भारत में बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर चिंता व्यक्त की है। अमेरिकी पार्लियामेंटरी रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक से हिंदू राष्ट्रवाद से भारत में राजनीतिक बल उभर रहा है, जिससे देश के धर्मनिरपेक्ष की प्रकृति का क्षरण हो रहा है। इस रिपोर्ट ने चेतावनी ने दी है कि सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म देश में 'बहुसंख्यक वर्ग की हिंसा' की बढ़ती घटनाओं को 'प्रत्यक्ष और परोक्ष' दोनों प्रकार को बढ़ावा दे रहे हैं।
अमेरिका की अमेरिकी कांग्रेस के एक स्वतंत्र और द्विपक्षीय रिसर्च विंग कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) ने कथित रूप से धर्म-प्रेरित दमन और हिंसा का जिक्र किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गाय संरक्षण और अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कथित रूप से हमले हुए हैं। इस रिपोर्ट का टाइटल दिया गया था- 'भारत: धार्मिक आजादी के मुद्दे', जिसमें कहा गया है कि 'संविधान द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता की स्पष्ट रूप से रक्षा की गई है।
इस रिपोर्ट ने आगे कहा कि भारत की आबादी में हिंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा है (करीब 4/5)। पिछले कुछ दशकों में हिंदू राष्ट्रवाद उभरता राजनीतिक बल है और यह कई मायनों में भारत की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है और देश की धार्मिक स्वतंत्रता पर नए हमलों की वजह बन रहा है।
बता दें कि इसी साल जून में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद को धार्मिक उग्रवादी संगठन बताया था। सीआईए ने इन संगठनों को राजनीतिक दबाव बनाने वाले संगठन के तौर पर बताते हुए कहा था कि ये ऐसे संगठन राजनीति में कार्यरत हैं और राजनीतिक दबाव भी बनाते हैं।