भारत में पहले भारतीय-अमेरिकी राजदूत होंगे रिचर्ड राहुल वर्मा
वाशिंगटन। मंगलवार को अमेरिकी सीनेट की ओर से भारत में नए राजदूत के तौर पर रिचर्ड राहुल वर्मा के नाम को मंजूरी मिल गई है। वह भारतीय मूल के पहले अमेरिकी राजदूत हैं जिनकी नियुक्ति भारत में की गई।
46 वर्षीय रिचर्ड के नाम के बारे में खबरें सितंबर माह में उस समय से आनी शुरू हुई थीं जब पीएम नरेंद्र मोदी अपनी पहली आधिकारिक अमेरिकी यात्रा पर रवाना होने वाले थे। अब जबकि जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आ रहे हैं तो उनके नाम को मंजूरी दे डाली गई है।
कौन हैं रिचर्ड राहुल वर्मा
50 नामों के बीच हुआ रिचर्ड का ऐलान
रिचर्ड वर्मा ओबामा की भारत यात्रा शुरू होने से पहले नई दिल्ली आ जाएंगे। दिलचस्प बात है कि भारत में नए अमेरिकी राजदूत के लिए कम से कम 50 नामों की चर्चा थी और इन 50 लोगों के बीच रिचर्ड का चयन किया गया है। माना जा रहा है कि अमेरिका की ओर से यह कदम भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
रिचर्ड ने भारत और अमेरिका के बीच सिविल न्यूक्लियर डील में एक अहम रोल अदा किया था। उस समय उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रिश्तों की वकालत की थी।
हाल ही में उन्होंने लीडिंग अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिककन प्रोग्रेस के साथ एक अहम प्रोजेक्ट 'इंडिया'2020' की भी शुरुआत की है।
रिचर्ड ने वर्ष 2009 से 2011 तक ओबामा के एडमिनिस्ट्रेशन में विदेश विभाग में कानूनी मसलों से जुड़े थे। उस समय वह यहां पर बतौर असिस्टेंट सक्रेटरी काम कर रहे थे।
अोबामा की पहली पंसद रिचर्ड
आपको बता दें कि मई से भारत में कोई भी स्थायी अमेरिकी राजदूत नहीं है। मई में नैंसी पावेल बतौर अमेरिकी राजदूत अपने पद से सेवानिवृत्त हुई हैं।
ओबामा ने सितंबर में उनका नाम प्रस्तावित करते हुए कहा था कि इस सबसे अहम समय में अमेरिकी लोगों की सेवा करने के मकसद से हमारे देश के लिए अपनी प्रतिभा को समर्पित करने वाले इन प्रभावशाली व्यक्तियों का चयन कर मैं खुशी महसूस कर रहा हूं।