चीन पर अमेरिका की बड़ी कार्रवाई, अब घूमने के लिए जरूरी होगी विदेश मंत्री पोंपेयो की परमीशन
वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के बिगड़ते रिश्तों के बीच ही विदेश मंत्री माइक पोंपेयों ने बड़ा ऐलान किया है। पोंपेयो ने अमेरिका में चीनी राजनयिकों के स्वतंत्र घूमने पर नई पाबंदिया लगा दी हैं। माना जा रहा है कि इस नए ऐलान के बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ सकते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की तरफ से लगातार चीन पर दबाव बढ़ाया जा रहा है। पोंपेयो ने कहा है कि जो नए फैसले लिए गए हैं कि वो पिछले काफी समय से अटके पड़े हैं। उनका कहना था कि चीन में अमेरिकी राजनयिकों पर इसी तरह की कार्रवाई होक रही है और यह चीनी एक्शन के खिलाफ अमेरिका की प्रतिक्रिया भर है।
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कार्यक्रम के लिए जरूरी होगी अनुमति
विदेश मंत्री पोंपेयो ने मीडिया को इसके बारे में जानकारी देते हुए सिर्फ चीन के बजाय पीआरसी यानी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का प्रयोग किया। पोंपेयो ने कहा, 'पिछले कई वर्षों से चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी ने पीआरसी के अंदर काम कर रहे अमेरिकी राजनयिकों पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं।' पोंपेयो ने जिन नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है, उसके तहत अब चीनी राजनयिकों को अमेरिकी यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर जाने के लिए विदेश विभाग यानी अप्रत्यक्ष तौर पर पोंपेयो की मंजूरी लेनी होगी। यही नियम स्थानीय अधिकारियों से मीटिंग पर भी लागू होगा। इसके अलावा चीनी दूतावासों के बाहर या काउंसलर पोस्ट्स पर 50 से ज्यादा लोगों वाले किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए भी मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
सोशल मीडिया अकाउंट भी सख्ती
पिछले वर्ष भी अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से चीनी राजनयिकों पर पाबंदियां लगाई गई थीं। उस समय अमेरिका की तरफ से जो नए प्रतिबंध लगाए गए थे उसके तहत किसी स्थानीय सरकारी अधिकारी से मिलते समय एजेंसी को जानकारी देनी होती थी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी कैंपस में भी बिना मंजूरी के कार्यक्रमों को बैन किया हुआ था। पोंपेयो ने कहा कि उनका विभाग, दूतावास और काउंसलर के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चीनी सरकार के तौर पर चिन्हित किया है। पिछले माह ही ट्विटर ने विदेशी सरकार के सोशल मीडिया अकाउंट्स को लेबल देना शुरू कर दिया है। इसमें अमेरिका में चीनी राजनयिकों के अकाउंट्स भी शामिल हैं।