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LAC विवाद के बाद चीन की रिपोर्ट में सैनिकों की कई कमजोरियों का खुलासा, बताया क्यों भारी पड़ी भारतीय सेना

LAC पर भारत से हारने और बॉर्डर विवाद खत्म होने के बाद चीन में पेश रिपोर्ट में चीनी सेना में कई स्तर पर बदलाव लाने की मांग की गई है।

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बीजिंग: भारत और चीन के खिलाफ LAC पर पैंगोग सो में भले ही शांति समझौता हो गया है और दोनों देश की सेना पीछे हट गई हो मगर चीन अपनी हार को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। चीनी सेना में बड़े और व्यापक स्तर पर बदलाने की मांग की जा रही है। चीन के अंदर मांग उठ रही है कि चीनी सेना में सुधार की जरूरत है। दरअसल, भले ही चीन ने आधिकारिक आंकड़ों में कहा है कि उसके सिर्फ चार सैनिक ही मारे गये हैं मगर चीन अपनी असलियत तो जानता ही है, लिहाजा अब चीनी सैनिकों में व्यापक स्तर पर सुधार की मांग की जा रही है।

CHINA ARMY

चीनी सेना में बदलाव वाली रिपोर्ट

भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाली चीनी सेना की पहले तो भारतीय सैनिकों ने जमकर पिटाई की और फिर चीनी सैनिकों को वापसी के साथ ही भयानक फजीहत हुई है। जिसके बाद अब चीनी नेताओं के सामने बॉर्डर इलाकों के लिए नया प्लान पेश किया गया है। चीन के साउथवेस्टर्न बॉर्डर इलाके में रेजीमेंट का नेतृत्व करने वाले एक चीनी लेजिस्लेचर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी सेना को उन्नत ड्रोन की तैनाती सीमा पर करनी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन को साउथवेस्टर्न बॉर्डर पर चीनी सेना का मैनेजमेंट बढ़ाना के साथ साथ उन्नत ड्रोन दिया जाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई रिसर्च के बाद पता चला है कि सीमा पर चीनी सैनिकों को काफी सुधार की जरूरत है और सैनिकों की मानसिकता से लेकर उनकी ट्रेनिंग में भी काफी बदलाव और सुधार की जरूरत है।

साउथवेस्टर्न बॉर्डर से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सैनिकों के लिए धैर्य के साथ प्लान बनाने की जरूरत है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सैनिकों को मौसम के मुताबिक ढलने के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत बताई गई तो सैनिकों के सिर से वर्कलोड भी कम करने की मांग की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर सरल तरीके से इस्तेमाल होने वाले छोटे और मध्यम रेंज के ड्रोन्स की जरूरत है। वहीं, अलग अलग परिस्थितियों के लिए चीनी सैनिकों के पास बड़े ड्रोन भी मुहैया कराने को कहा गया है।

INDIAN CHINA

भारतीय सैनिकों से मुंह की खाने और भारत-चीन के बीच बॉर्डर पर समझौता होने के बाद चीनी सैनिकों में बदलाव की जरूरत बताने वाली इस रिपोर्ट को पेश किया गया है। बॉर्डर डिफेंस रेजीमेंट के कमांडर और नेशनल पीपल्स कांग्रेस के डिप्टी Hou Yun ने अपनी रिपोर्ट में चीनी सेना को लेकर कई सुझाव दिए हैं। जिसे इस साल सरकार के सामने पेश किया जाएगा। चीन के सरकारी चैनल CCTV से बात करते हुए Hou Yun ने कहा कि 'चीनी सेना में व्यापक पैमाने पर बड़े बदलाव की जरूरत है। सैनिकों के साजो सामान से लेकर उनके पास मौजूद हथियारों को भी अत्याधुनिक करने की जरूरत है साथ ही ऐसे ड्रोन्स लगाने की जरूरत है पूरे बॉर्डर को कवर कर सके, ताकि हमारे सैनिकों को बॉर्डर की वास्तविक स्थिति का पता लगातार चलती रहे।' उन्होंने CCYV को बताया कि हम तीन समस्याओं के समाधान पर काम कर रहे हैं। पहला ये कि कहां देखा नहीं जा सकता है, दूसरा कहां सुना नहीं जा सकता है और तीसरा ये कहां पहुंचा नहीं जा सकता है।

सीमा पर इस्तेमाल होता खराब ड्रोन

चीन सेना के लिए पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन का इस्तेमाल PLA पहले से ही कर रही है लेकिन जो ड्रोन अभी इस्तेमाल हो रहा है वो खराब है। वो ड्रोन काफी जल्दी खराब हो जाते हैं, बारिश में पानी जाने पर उनमें दिक्कतें होती हैं साथ ही मौसमा में कोहरा बढ़ने पर भी ड्रोन काम करना बंद कर देता है। लिहाजा मौसम के हिसाब से ऐसे ड्रोन दिए जाने की जरूरत है जो क्लियर विजन दे सके और जिनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी चीनी सेना की अग्रिम पंक्ति में तैनात जवान ही छोटे स्तर के ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें सुधार की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में हथियार बनाने वाली कंपनियों को जल्द से जल्द मध्यम रेंज की उन्नत किस्म के ड्रोन बनाने के ऑर्डर दिए जाने की बात कही गई है।

चीनी सेना के अधिकारी द्वारा पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि 'पिछले साल अप्रैर में भारतीय सेना ने LAC पर गलवान घाटी में काफी निर्माण कार्य किया था, जिसके बाद उनका चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुआ, जिसकी वजह से दोनों देशों के सैनिकों को नुकसान उठाना पड़ा है साथ ही LAC पर कई जगहों पर दोनों देशों के बीच तनाव का वातावरण बना रहा और अब जाकर दोनों देश बॉर्डर डिसइंगजमेंट को लेकर तैयार हुआ हैं'

चीनी सैनिकों को नये सिरे से ट्रेनिंग

भारत और अमेरिका से लगातार तनाव के बीच चीनी सेना ट्रेनिंग के नये नये तरीकों को आजमाने का काम कर रही है। अब चीनी सेना ने ट्रेनिंग के नये तरीके का खुलासा किया है, जिसके जरिए चीनी सेना अपनी ताकत और लड़ाई के नये तरीकों को युद्धाभ्यास में शामिल करेगी। चीनी सेना के नये ट्रेनिंग का मकसद सेना को वर्ल्ड क्लास बनाना है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी सेना के सीक्रेट मिशन को राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इजाजत मिलने के बाद सार्वजनिक किया है। चीनी सेना के नई ट्रेनिंग तकनीक को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये पूरी तरह से युद्ध की तरह हो। चीनी मिलिट्री एनलिस्ट का कहना है कि मिलिट्री ट्रेनिंग सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है जैसे ये ट्रेनिंग नहीं बल्कि असली लड़ाई है और किसी भी हाल में दुश्मनों को परास्त करना है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 'चीनी सेना को नये तरीके से ट्रेन करने का मकसद उनकी शक्ति को बढ़ाना है ताकि वो असली लड़ाई के दौरान दुश्मनों पर भारी पड़े'

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English summary
After the defeat of India on the LAC and the end of the border dispute, the report presented in China has demanded a change in the Chinese military at many levels.
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