रिपोर्ट: पाकिस्तान में हर साल 1000 लड़कियों का होता है धर्म परिवर्तन, अमेरिका ने भी माना
नई दिल्ली। भारत में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जगह-जगह पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस कानून को लाने की पीछे यह वजह बताई है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में गैर मुस्लिमों के साथ बर्बरता हो रही है और उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। सीएए के तहत भारत सरकार ऐसे लोगों को नागरिकता देगी। पाकिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव की बात अब अमेरिका ने भी स्वीकार की है।
भारत ने पहले ही किया था दावा
आतंकवाद और मंदी की मार झेल रहे पाकिस्तान को अब जबरन धर्म परिवर्तन कराने को लेकर भी शर्मसार होना पड़ा है। पाकिस्तान में गैर मुसलमानों के साथ भेदभाव करने की बात अब विश्व के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने भी मानी है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन का खुलासा कर चुके हैं। पाकिस्तान का असली चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है, अब वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जहां धर्म के आधार पर भेदभाव किया जाता है।
इन देशों में होता है भेदभाव
बता दें कि धर्म के आधार पर भेदभाव को लेकर पाकिस्तान की पहले भी छीछालेदर हो चुकी है। ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका पाकिस्तान पर आर्थिक पाबंदी लगा सकता है। अमेरिका के मुताबिक पाकिस्तान के अलावा म्यांमार, चीन, ईरान, सऊदी अरब, कजाकिस्तान और तुर्किस्तान जैसे कुछ देश हैं जहां आज भी धर्म के आधार पर भेदभाव किया जा रहै है। इतना ही नहीं वहां जबरन धर्म परिवर्तन भी कराया जा रहा है। अमेरिका ने इन देशों की सूची को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 1998 के तहत तैयार किया है।
पाकिस्तान पर लग सकती है पाबंदी
पाकिस्तान के ही एक अखबार के मुताबिक इस सूची में शामिल देशों पर आर्थिक पाबंदी लगाई जा सकती है। साल 2010 में पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया था, सर्वे के मुताबिक वहां हर महीने करीब 20 से 25 हिंदुओं की बेटियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कर शादी करा दी जाती है। वहीं, जन स्वास्थ्य और लिंग आधारित हिंसा पर रिसर्च करने वाली शेफील्ड हलम यूनिवर्सिटी के सर्वे के मुताबिक पाकिस्तान में 2012 से लेकर 2017 तक 286 हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया।
हर साल 1000 लड़कियों का होता है धर्म परिवर्तन
साउथ एशिया पार्टनरशिप की मानें तो पाकिस्तान में हर साल कम से कम 1000 लड़कियों का जबरदस्ती धर्म बदल दिया जाता है। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर नहीं है, आतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते इमरान सरकार पहले ही FATF के निशाने पर है। ऐसे में धर्म परिवर्तन के चलते आर्थिक पाबंदी पाकिस्तान की कम तोड़ देगी। बता दें कि FATF की लिस्ट में पाकिस्तान ग्रे दोशों में शामिल है लेकिन उसे कभी भी ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है।
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