CAA पर बोले सदगुरु जग्गी वासुदेव- उस देश में कौन निवेश करेगा जहां बसें जल रही हों?
दावोस। ईशा फाउंडेशन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु सदगुरु जग्गी वासुदेव ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर अपनी राय व्यक्त की है। दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्लूईएफ) के सालाना शिखर सम्मेलन में पहुंचे सदगुरु ने कहा कि छात्र सीएए और एनआरसी के खिलाफ नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
सदगुरु ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा, 'लोगों को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करना चाहिए क्योंकि ये भारतीय नागरिकों से उनकी नागरिकता नहीं छीनता है। सीएए केवल उन अल्पसंख्यकों को एक पहचान दे रहा है जो विभाजन के दौरान वहां रह गए थे।' सदगुरु ने कहा कि ये कानून नए लोगों को देश में नहीं ला रहा है और इसमें सभी धर्मों को शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे भारत के संसाधन प्रभावित होंगे।
उन्होंने आगे कहा, 'क्या सीएए किसी के खिलाफ है? हम उस देश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बात कर रहे हैं। इसका इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि संविधान भारत के लोगों पर कैसे लागू होता है। ये उन लोगों के लिए है, जो विभाजन को दौरान वहीं रह गए। इसके जरिए केवल उन लोगों को देने (नागरिकता) की कोशिश की जा रही है, जो 10-15 साल से यहां (भारत) रह रहे हैं, वो भी बिना किसी पहचान के।' ये धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों के लिए है। उन्हें किसी एक धर्म को मानने वाले देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। वो (उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यक) पहले से यहां हैं। कोई 2014 के बाद नहीं आ सकता लेकिन लोग चाहते हैं कि सभी आ जाएं। बताइए, क्या हमारे देश में जनसंख्या कम है?
सदगुरु ने कहा कि 'ये कानून हिंदू और मुस्लिम को लेकर नहीं है। सरकार की ओर से संचार की कमी है और लोगों को लग रहा है कि कानून उनके खिलाफ है। उन्होंने जारी विरोध प्रदर्शनों पर कहा, 'उस देश में कौन निवेश करेगा जहां बसें जल रही हों? बसें सरकार से संबंधित नहीं हैं, वो हमसे संबंधित हैं। उन्हें क्यों जलाएं?' सदगुरु ने कहा कि 'छात्र स्थानीय मुद्दों जैसे फीस की बढ़तोरी और पुलिस की बर्बरता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दा ना बनाएं। मीडिया को सच बताना चाहिए ना कि कॉन्ट्रोवर्सी करनी चाहिए। उन्हें आश्वासन दें कि उनकी नागरिकता खतरे में नहीं है।' बता दें बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सदगुरु का सीएए वाला वीडियो शेयर किया था।
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