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रैट्को म्लाडिक: 'बोस्निया का कसाई' जिसने नरसंहार किया

बोस्निया के पूर्व सर्ब कमांडर रैट्को म्लाडिक को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई है.

By BBC News हिन्दी
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रैट्को म्लाडिक
Michel Porro/Getty Images
रैट्को म्लाडिक

बोस्निया के पूर्व सर्ब कमांडर रैट्को म्लाडिक को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. उन पर 1990 की बोस्निया की लड़ाई में नरसंहार और दूसरे अत्याचार करने का आरोप है.

'बोस्निया के कसाई' के नाम से कुख्यात रैट्को म्लाडिक के नेतृत्व वाली फौज ने स्रेबेनित्सा के बोस्निया मुसलमानों के नरसंहार को अंजाम दिया था.

हेग स्थित यूनाइटेड नेशन ट्राइब्यूनल ने रैट्को म्लाडिक पर लगाए 11 आरोपों में से 10 के लिए उन्हें कसूरवार ठहराया है.

रैट्को म्लाडिक फ़ैसले के वक़्त अदालत में मौजूद नहीं थे. जजों पर चीखे जाने के बाद रैट्को को कोर्ट से बाहर कर दिया गया.

म्लाडिक ने खुद पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया. उनके वकील ने कहा है कि वे फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करेंगे.

रैट्को म्लाडिक
GABRIEL BOUYS/AFP/Getty Images
रैट्को म्लाडिक

कौन हैं रैट्को म्लाडिक

रैट्को म्लाडिक एक आर्मी जनरल थे जिन्हें दुनिया बोस्निया के कसाई के नाम से जानती है. बताया जाता है कि बोस्निया की लड़ाई के दौरान उन्होंने बर्बर अभियान चलाया था.

15 सालों तक रैट्को क़ानून से भागते रहे. 20 साल से भी ज़्यादा समय बीत चुका है जब उन्हें पहली बार अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने दोषी ठहराया था.

बुधवार को म्लाडिक हेग कोर्ट में अपने ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनने के लिए पेश हुए. वे कभी मोर्चे पर अगली कतार में अपने सैनिकों का नेतृत्व करते थे.

म्लाडिक के सैनिक उनकी बहादुरी के लिए उनका सम्मान करते थे. नब्बे के दशक में बोस्निया की लड़ाई के दौरान उन्होंने 1,80,000 सैनिकों की सेना का नेतृत्व किया था.

1992 में बोस्नियाई मुसलमानों और क्रोएशियाई लोगों ने आज़ादी के लिए कराये गए जनमत संग्रह के पक्ष में वोट दिया था जबकि सर्बिया के लोगों ने इसका बहिष्कार किया.

रैट्को म्लाडिक
PASCAL GUYOT/AFP/Getty Images
रैट्को म्लाडिक

बोस्निया की लड़ाई

इस वाकये के बाद बोस्निया में लड़ाई भड़क गई. बोस्नियाई मुसलमान और क्रोएट्स लोग एक तरफ़ थे तो दूसरी तरफ़ बोस्नियाई सर्ब.

इस लड़ाई में कत्ल किए गए 8000 पुरुषों और बच्चों की हत्या का इलज़ाम रैट्को म्लाडिक पर लगा.

हालांकि इन सब के बावजूद कई बोस्नियाई सर्ब आज भी उन्हें हीरो की तरह देखते हैं. लेकिन इस लड़ाई के बाद बोस्निया के लोग आज भी बंटे हुए हैं.

एक अनुमान के मुताबिक़ बोस्निया की लड़ाई में एक लाख से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई और तकरीबन 22 लाख बेघरबार हुए.

बीबीसी के पत्रकार एलन लिटिल का कहना है कि म्लाडिक को लगता था कि वो जो कुछ कर रहे हैं, वो सर्ब राष्ट्रवाद के नाम पर है. तुर्की मूल के मुसलमानों का बोस्निया पर 500 सालों तक राज रहा. वे बोस्निया की लड़ाई को इसका बदला लेने के मौके पर देखते थे. वे बोस्निया के मुसलमानों को तुर्क कहा करते थे.

रैट्को म्लाडिक
AFP/Getty Images
रैट्को म्लाडिक

निजी जीवन

हालांकि मुसलमानों को लेकर रैट्को म्लाडिक की नाराज़गी की निजी वजहें भी थीं. 1995 में उनकी 23 साल की बेटी अन्ना को बेलग्रेड में गोली मार दी गई थी.

एक वजह म्लाडिक का बचपन भी बताया जाता है. 1945 में जब वे दो बरस के थे तो उनके पिता नाज़ी समर्थक फौज से लड़ते हुए मारे गए थे.

रैट्को ने मिलिट्री करियर चुना और वे पूर्व युगोसलाविया के सेना में शामिल हो गए. 1991 में जब युगोसलाविया का बंटवारा हुआ तो वे क्रोएशियन फौज के खिलाफ़ लड़े.

और एक साल के बाद वे तरक्की पाकर अपनी फौज के जनरल बन गए. साल 2011 तक वे गिरफ्तार होने से बचते रहे लेकिन आखिरकार सर्बिया में पकड़ लिए गए

ये सवाल पूछा गया कि वे एक दशक तक कैसे छुपते रहे और भागते रहे? कुछ रिपोर्टों में कहा जाता है कि लोग उन्हें अपने घरों में शरण दिया करते थे और यहां तक कि बेलग्रेड के सैनिक ठिकानों पर भी उन्हें शरण मिलती रही.

BBC Hindi
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English summary
Ratko Maladic Butcher of Bosnia who massacred
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