दक्षिण कोरिया में गरजे राजनाथ सिंह- भारत अपनी सुरक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा
सियोल: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में रक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए भारत की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत खुद की रक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा। राजनाथ सिंह दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में दक्षिण कोरिया की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। इससे पहले उन्होंने जापान का दौरा किया था।
'ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेगा'
राजनाथ सिंह गुरुवार को सियोल रक्षा वार्ता(सियोल डिफेंस डायलॉग) के विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे, जिसके कुछ अंश उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किए। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अपने इतिहास में कभी भी आक्रामक नहीं रहा है और न ही कभी होगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत अपनी रक्षा के लिए ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे हटेगा।
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परमाणु नीति को लेकर दिया था बयान
गौरतलब है कि अगस्त में राजनाथ सिंह ने भारत की परमाणु नीति और इसका पहले प्रयोग नहीं करने की नीति पर चर्चा को हवा दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर वो पोखरण गए थे। अपने पोखरण के दौरान उन्होंने कहा था कि भारत अपने पहले परमाणु का इस्तेमाल नहीं करने की नीति पर टिका हुआ है लेकिन भविष्य में क्या होगा, वह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।
रक्षा कूटनीति पर क्या बोले राजनाथ?
राजनाथ ने कहा कि रक्षा कूटनीति भारत के रणनीतिक टूलकीट का मुख्य स्तंभ है। वास्तव में रक्षा कूटनीति और मजबूत रक्षा बलों को बनाए रखना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये साथ-साथ चलते हैं। गौरतलब है कि राजनाथ सिंह ने गुरुवार को यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद बढ़ते तनाव के बीच दिया है।
इमरान खान ने दी थी धमकी
गौरतलब है कि अगस्त के अंतिम हफ्ते में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने देश को संबोधित करते हुए भारत-पाक क्षेत्र में परमाणु युद्ध की चेतावनी दी थी। अगर स्थिति खराब होती है और युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो हर किसी को याद रखना चाहिए कि दोनों देश परमाणु संपंन्न हैं और कोई भी परमाणु युद्ध नहीं जीतता है। दुनिया चाहे हमारा समर्थन करे या न करे, पाकिस्तान अब किसी भी हद तक जाएगा। हालांकि सितंबर के शुरुआत में इमरान खान अपने बयान से पलट गए और कहा कि उनका देश परमाणु हथियार का 'पहले प्रयोग नहीं' करने की नीति पर प्रतिबद्ध है।