कतर ने किया ऐलान ओपेक से होगा बाहर, तेल की कीमतों पर पड़ सकता है असर
दोहा। कतर ने ऐलान किया है कि वह ओपेक यानी आर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज से बाहर हो रहा है। कतर के ऊर्जा मंत्री साद अल काबी ने सोमवार को ऐलान किया है कि उनका देश जनवरी 2019 से ओपेक का हिस्सा नहीं होगा। यह फैसला कतर ने अपने उस कदम के बाद उठाया है जिसमें उसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने रोल और लंबी रणनीति का आकलन किया था। सादी की ओर से इस बात के बारे में बताया गया है। कतर के इस फैसले के बाद तेल की कीमतों पांच प्रतिशत की तेजी आई है। अमेरिका और चीन जी20 सम्मेलन के दौरान 90 दिनों से जारी ट्रेड वॉर को खत्म करने पर राजी हुए हैं और इन दोनों की सुलह को भी तेल की कीमतों में इजाफे की वजह से बताया जा रहा है।
साल 1961 से है ओपेक का सदस्य
छह दिसंबर को ओपेक देशों की मीटिंग होनी है और इस मीटिंग में गैर-ओपेक देश रूस भी शामिल होगा। कहा जा रहा है कि मीटिंग में ओपेक की तरफ से सप्लाई कट का ऐलान किया जा सकता है। ओपेक से बाहर होने बाद कतर कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर देगा। उत्पादन बढ़ने का असर तेल की कीमतों पर पड़ेगा। कतर का तेल उत्पादन सिर्फ 600,000 बैरल प्रतिदिन है। जबकि यह नैचुरल गैस उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश है। कतर मीडिल ईस्ट का सबसे छोटा देश है। इस समय एक और ओपेक देश और पड़ोसी सऊदी अरब से कतर का तनाव चल रहा है। कतर साल 1961 से ओपेक का सदस्य है। ओपेक और रूस दुनिया का 40 प्रतिशत तेल का उत्पादन करते हें। इसी हफ्ते कहा गया था कि तेल के उत्पादन में ओपेक देश कमी लाएंगे जिससे कि कीमतों में ज्यादा गिरावट न आए। इस साल अक्टूबर में तेल की कीमतें साल के सबसे ऊंचे स्तर 86 डॉलर प्रति बैरल थी, जो अब घट कर 60 डॉलर प्रति बैरल आ गई है।
Qatar announces it was withdrawing from the Organization of Petroleum Exporting Countries “OPEC” effective 1 January 2019.
— Qatar Petroleum (@qatarpetroleum) December 3, 2018