मिस्र का ये पिरामिड अब आम लोगों के देखने के लिए खोला गया है-तस्वीरों में देखिए
मिस्र के डाशूर का लेयर्ड पिरामिड या रॉम्बोइडल पिरामिड कहा जाने वाला ये पिरामिड 2600 ईसा पूर्व में सम्राट स्नेफ्रू ने बनवाया था, जिसे 54 डिग्री कोण के साथ डिज़ाइन किया गया है. ये पिरामिड मुलायम और पानी के बहाव में आने वाली मिट्टी पर बनाया गया था जिस पर उसके टिके रहने और उसे दोबारा बनाए जाने की समस्याएं हुई.
मिस्र के डाशूर का लेयर्ड पिरामिड या रॉम्बोइडल पिरामिड कहा जाने वाला ये पिरामिड 2600 ईसा पूर्व में सम्राट स्नेफ्रू ने बनवाया था, जिसे 54 डिग्री कोण के साथ डिज़ाइन किया गया है.
मिस्र में लेयर्ड पिरामिड के निर्माण को विकास का एक अनूठा उदाहरण कहा जाता है. ये ऐसी मिट्टी से बना है जो स्थिर नहीं रह सकती है.
ये पिरामिड मुलायम और पानी के बहाव में आने वाली मिट्टी पर बनाया गया था जिस पर उसके टिके रहने और उसे दोबारा बनाए जाने की समस्याएं हुई. पिरामिड को 45 मीटर से 43 डिग्री कोण की शक्ल देकर कम किया गया और इस समस्या का समाधान निकाला गया.
डाशूर के पुरातत्व संबंधी परिसर में रेड पिरामिड (दाएं) और लेयर्ड पिरामिड (बाएं से दूसरा) स्थित है.
लेयर्ड पिरामिड का कोणीय आकार रेड पिरामिड के उलट है जबकि दोनों ही डाशूर में मौजूद हैं.
पर्यटक पिरामिड की 79 मीटर तक एक संकीर्ण सुरंग में जा सकते हैं, जिसकी गहराई में दो कैमरे भी लगे हैं.
पिछले साल पिरामिड में से खुदाई के दौरान निकली ममी, मुखौटों और औज़ारों को पुरातत्वविज्ञान ने प्रदर्शन के लिए रखा हुआ है.
मिस्र में पैसा कमाने के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण ज़रिया है.