ऑटोप्सी रिपोर्ट में खुलासा अप्रैल में कोरोना वायरस पॉजिटिव थे जॉर्ज फ्लॉयड, लेकिन मौत की वजह महामारी नहीं
वॉशिंगटन। अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड जिनकी मौत के बाद पूरे अमेरिका में भूचाल आया है, उनकी ऑटोप्सी रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जॉर्ज कोरोना वायरस पॉजिटिव थे। लेकिन उनकी मौत की वजह से कोरोना वायरस नहीं था। ऑटोप्सी में साफ कहा गया है कि दम घुटने की वजह से जॉर्ज की मौत हुई है। अब इस रिपोर्ट के बाद मिनेपोलिस के चार पुलिस ऑफिसर्स पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह भी पढ़ें- जॉर्ज की मौत के बाद पिता के खिलाफ हुई टिफनी ट्रंप
20 पेज की ऑटोप्सी रिपोर्ट आई सामने
जॉर्ज की ऑटोप्सी रिपोर्ट 20 पेज की और बुधवार को सार्वजनिक की गई है। हेनेपिन काउंटी मेडिकल एग्जामिनर के ऑफिस की तरफ से जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक फ्लॉसद को जिस समय हिरासत में लेकर उनका गला दबाया इसकी वजह से उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और उनकी मौत हो गई। 25 मई को जॉर्ज की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। अप्रैल में जॉर्ज कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। उनकी मौत को मानवहत्या मानते हुए केस दर्ज किया गया है और चारों पुलिस ऑफिसर्स को नौकरी से निकाला दिया गया है। जॉर्ज की मौत का वीडियो पास में खड़े एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड किया था।
पुलिस ऑफिसर हत्या का दोषी
इन चार में से एक पुलिस ऑफिसर जिसने उनका गला दबाया था उसे हत्या का दोषी करार दिया गया है। जॉर्ज की हत्या का जो वीडियो आया है उसमें नजर आ रहा है कि उनके गले को बेदर्दी से एक पुलिस ऑफिसर ने अपने घुटनों से दबाया हुआ है। जॉर्ज उनसे मिन्नतें कर रहे हैं और कह रहे हैं, 'प्लीज, मैं सांस नहीं ले सकता।' कुछ ही मिनटों बाद जॉर्ज को पास के अस्पताल में ले जाया गया और यहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। यह वीडियो वायरल हो गया था और नौ दिनों से पूरे अमेरिका में प्रदर्शन जारी हैं। न सिर्फ अमेरिका अब जर्मनी से लेकर न्यूजीलैंड में भी इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।