सऊदी अरब की राजकुमारी का फैशन वीक, मर्दों को नहीं थी अंदर आने की इजाजत
सऊदी अरब में महिलाओं को उनके बकाया हक दिए जा रहे हैं जिनसे वो सालों से वंचित थीं। ड्राइविंग का हक देने के बाद अब वहां महिलाओं के फैशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राजकुमारी नौरा बिंत फैसल अल-सौद को अरब फैशन काउंसिल का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया है।
रियाद। सऊदी अरब को कभी महिलाओं के लिए सबसे कट्टर देशों में से एक कहा जाता था लेकिन अब धीरे-धीरे वहां हालात बदल रहे हैं। अब सऊदी अरब में महिलाओं को उनके बकाया हक दिए जा रहे हैं जिनसे वो सालों से वंचित थीं। ड्राइविंग का हक देने के बाद अब वहां महिलाओं के फैशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए राजकुमारी नौरा बिंत फैसल अल-सौद को अरब फैशन काउंसिल का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया है। सऊदी अरब के संस्थापक की पर-पोती नौरा अल-सौद को पिछले साल दिसंबर में इसका अध्यक्ष बनाया गया था।
जापान से बिजनेस में की है पढ़ाई
30 वर्षीय राजकुमारी नौरा बिंत फैसल अल-सौद को सऊदी अरब में फैशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अरब फैशन काउंसिल की अध्यक्ष नौरा अल-सौद सऊदी अरब के संस्थापक की पर-पोती हैं। उन्होंने जापान के टोक्यो के Rikkyo University से इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर्स किया है। जापान में रहते हुए ही फैशन में उनकी दिलचस्पी बढ़ी और उन्होंने इसे अपने देश ले जाने के बारे में सोचा।
हाल ही में सऊदी अरब में हुआ फैशन शो
नौरा ने हाल ही में उन्होंने सऊदी अरब का पहला फैशन वीक का आयोजन कराया। अरब फैशन वीक का पहला सऊदी अरेबियन एडिशन 11 अप्रैल को शुरू हुआ। इस फैशन शो पर पूरी दुनिया की नजरें टिकीं थीं। इस फैशन वीक में एक चीज और जिसने सभी का ध्यान खींचा वो था, इस फैशन वीक के नियम। इस फैशन वीक में केवल महिलाओं के अलावा किसी को आने की इजाजत नहीं थी, कैमरों को भी नहीं।
अबाया को बताया संस्कृति का हिस्सा
इन नियमों पर नौरा ने कहा कि कम लोगों को आने कि इजाजत उन प्रतिबंधों का हिस्सा हैं जो उन्हें अपनी संस्कृति के कारण मानने पड़ते हैं। नौरा सऊदी अरब के फैशन को आगे ले जाना चाहती हैं लेकिन संस्कृति से अलग होकर नहीं। मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले अबाया पर नौरा ने कहा, 'अबाया पहनने को कई लोगों को रुढ़िवादी लग सकता है लेकिन ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमारी जिंदगी ऐसे ही है, भले हम सफर क्यों न कर रहे हों।' नौरा सऊदी अरब में कपड़ों का निर्माण भी शुरू करना चाहती हैं ताकि तेल पर निर्भरता खत्म हो सके।
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