जी-20 में मोदी ने दी नसीहत, राजनीति और छल से परे हों सुधार
ब्रिसबेन।
शनिवार
को
ऑस्ट्रेलिया
के
ब्रिसबेन
में
वर्ष
2014
के
जी-20
समिट
का
आगाज
हो
गया।
इस
दौरान
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
जब
अपना
पहला
संबोधन
यहां
पर
आए
राष्ट्राध्यक्षों
को
दिया
तो
उसमें
उन्होंने
विदेशों
में
जमा
काले
धन
का
मुद्दा
जोर-शोर
से
उठाया।
मोदी
ने
यह
भी
साफ-साफ
कह
दिया
कि
काले
धन
को
वापस
भारत
लाना
उनकी
प्राथमिकताओं
में
शामिल
है।
सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा काला धन
मोदी ने यहां साफ कहा कि विदेशों में जमा काला धन अब सुरक्षा की चुनौतियों से जुड़ा एक अहम मुद्दा बन गया है, एक ऐसा मुद्दा जिस पर बेहतर तालमेल की सख्त जरूरत है। पहली बार इस शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे मोदी बैंक खातों की जानकारी साझा करने के लिए कई देशों से सहमति बनाने में जुट गए हैं। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी इस सम्मेलन में टैक्स चोरी और इससे जुड़े मुद्दों के खिलाफ अंतराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए भी दबाव डालेंगे।
रोजगार के बारे में भी होगी बात
मोदी इस समिट का प्रयोग रोजगार की संभावनाओं में इजाफे से जुड़ी भारत की चिंताओं से भी दूसरे देशों को रूबरू कराने के लिए करेंगे। समिट से पहले मोदी ने कहा कि नौकरी पैदा करनेवाली आर्थिक वृद्धि के लिए वित्तीय बाजारों की स्थिति जैसे मुद्दों पर ही नहीं बल्कि लोगों के जीवन-स्तर में बदलाव पर जोर देने की जरूरत है।
जी20
देशों
को
मोदी
की
सलाह
भारतीय
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
जी20
के
नेताओं
को
संबोधित
करते
हुए
कहा
कि
सुधारों
को
छल
से
या
चुपचाप
लागू
नहीं
किया
जा
सकता,
यह
जनता
द्वारा
संचालित
होना
चाहिए।
विदेश
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
सैयद
अकबरूद्दीन
ने
एक
ट्वीट
में
यह
जानकारी
दी
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
जी20
की
बैठक
में
कहा
कि
सुधारात्मक
कार्य
'लोक
केंद्रित
और
जनता
द्वारा
संचालित'
होने
चाहिए।
मोदी ने कहा, "सुधारों का प्रतिरोध तो स्वाभाविक है। इसे राजनीतिक दबाव से परे होना चाहिए। सुधार जनता द्वारा संचालित होने चाहिए। छल से या चुपचाप लागू नहीं किए जाने चाहिए।'
मोदी ने आगे कहा, "वैश्विक स्तर पर सरकार की योजनाओं और कार्यक्रम के तहत लागू किए गए सुधारात्मक कार्य असहाय और अक्षम होते हैं, जनता पर बोझ होते हैं। इसे बदले जाने की जरूरत है।' मोदी ने कहा, "सुधारों को प्रक्रिया सहज बनाने वाला होना चाहिए..और शासन की प्रक्रिया में सुधार किया जाना चाहिए।"
Reforms
should
lead
to
simplification
of
processes......&
processes
of
governance
must
be
reformed
-
PM
@narendramodi
to
G-20.
—
Syed
Akbaruddin
(@MEAIndia)
November
15,
2014