अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बड़ा ऐलान, दूसरे देशों को सप्लाई करेंगे अमेरिकन वैक्सीन
अमेरिका के राष्ट्रपति ने बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका की सरकार का लक्ष्य हर किसी की जिंदगी को बचाना है और हम इसके लिए काफी तेजी से काम कर रहे हैं।
वॉशिंगटन, मई 18: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोरोना वायरस के वैक्सीन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका में जिन वैक्सीन्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, वो उन वैक्सीन्स की सप्लाई दुनिया के दूसरे देशों को भी करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका में फाइजर, मॉडर्न और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है और वो इन वैक्सीन की सप्लाई विश्व के दूसरे देशों को करने के लिए भी तैयार हैं।
दूसरे देशों में अमेरिकन वैक्सीन
अमेरिका के राष्ट्रपति की ये बड़ी घोषणा है क्योंकि अमेरिका में जो काफी तेजी के साथ वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चल रही है लेकिन विश्व के कई ऐसे देश हैं, जहां अभी तक वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू भी नहीं हुआ है वहीं कई ऐसे देश हैं जहां 5 या 10 प्रतिशत तक लोगों को ही वैक्सीन दी गई है। ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति ने ऐलान किया है कि अमेरिका में जैसे ही फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की उपलब्धता होनी शुरू हो जाएगी, वो विश्व के दूसरे देशों को वैक्सीन की सप्लाई करना शुरू कर देंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि जून महीने से अमेरिका विश्व के दूसरे देशों को वैक्सीन की सप्लाई करना शुरू कर देगा।
हर किसी की जान बचाना लक्ष्य
अमेरिका के राष्ट्रपति ने बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका की सरकार का लक्ष्य हर किसी की जिंदगी को बचाना है और हम इसके लिए काफी तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हमें वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से वैक्सीन की खेप मिलना शुरू हो जाएगा, तो हम इसकी सप्लाई करना भी शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका 20 मिलियन यानि 2 करोड़ वैक्सीन की खुराक दूसरे देशों को करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि हर किसी के लिए ये वैश्विक महामारी खत्म हो जाए। और हम अपनी वैक्सीन का इस्तेमाल किसी और देश से कोई और लाभ पाने के लिए नहीं करेंगे। आपको बता दें कि अमेरिका में वैक्सीनेशन अभियान काफी तेजी से चल रहा है और धीरे धीरे इसका असर भी दिख रहा है। अमेरिका में अब वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोगों के लिए मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना भी अनिवार्य नहीं रह गया है।
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