अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का है मुंबई में ‘रिश्तेदार’, जानिए 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' की दिलचस्प कहानी
बस चंद घंटों बाद ही जो बाइडेन अमेरिका के नये राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। ऐसे में हम आपको मुंबई में उनके रिश्तेदार से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी बताने जा रहे है। आखिर क्यों मुंबई से जो बाइडेन चुनाव लड़ना चाहते थे
Biden Form Mumbai: वाशिंगटन: बस चंद घंटे बाद ही जो बाइडेन (Joe Biden) अमेरिका के नये राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाले हैं। ऐसे में हम आपको मुंबई(Mumbai) में उनके रिश्तेदार से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी बताने जा रहे है। आखिर क्यों मुंबई से जो बाइडेन चुनाव लड़ना चाहते थे और आज भी उनका दिल मुंबई के लिए क्यों धड़कता है, इसका जिक्र खुद जो बाइडेन ने कई बार किया है।
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'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' की कहानी
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन का दिल आज भी मुंबई में रहने वाले अपने 'दूर के रिश्तेदार' के लिए धड़कता है। जो बाइडेन आज भी उन्हें 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' कहकर संबोधित करते हैं। बाइडेन के मुंबई प्रेम की शुरूआत आज नहीं, बल्कि 1972 में हुई थी जब उन्होंने अमेरिका की राजनीति में पहली सफलता हासिल की थी। वो साल था 1972, जब पहली बार जो बाइडेन अमेरिका में सीनेटर (भारत में सांसद) चुने गये थे। 1972 का कालखंड ऐसा था जब मोबाइल नहीं होता था, एक दूसरे से संपर्क साधने का साधन नहीं था, मगर फिर भी मुंबई में रहने वाला एक परिवार जान गया कि जो बाइडेन अमेरिका में सीनेट चुने गये हैं। सीनेटर चुने जाने के बाद उनके पास हजारों बधाई संदेश आए। उन बधाई संदेशों में एक संदेश सबसे अलग जो सात समुंद्र पार भारत के मुंबई से उनके पास पहुंचा था। बधाई संदेश भेजने वाले ने चिट्ठी पर लिखा था 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' ।
चिट्ठी में लिखा था कि वो उनका रिश्तेदार है, और दोनों के बीच बहुत पुराना रिश्ता है। 1972 में सिर्फ 29 साल के जो बाइडेन उस बधाई संदेश को पढ़कर भावुक हो गये और मुंबई में रहने वाले अपने उस रिश्तेदार से मिलने के लिए कोशिश करने लगे। हालांकि, राजनीतिक प्रतिबद्धता और माकूल वक्त नहीं होने की वजह से जो बाइडेन मुंबई में रहने वाले अपने दूर के रिश्तेदार से मिल नहीं पाए।
वक्त बीतता गया और अमेरिका की राजनीति में जो बाइडेन कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते गये। पांच दशक बाद अमेरिका में बराक ओबामा राष्ट्रपति बने और उन्होंने जो बाइडेन को अपना उपराष्ट्रपति बनाया। अमेरिका के उपराष्ट्रपति बनने के बाद आखिरकार जो बाइडेन का भारत भ्रमण की ख्वाहिश पूरी हो गई। 24 जुलाई 2013 को जो बाइडेन मुंबई में थे और बांबे स्टॉक एक्सचेंज में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उस वक्त उन्होंने मुंबई में रहने वाले अपने दूर के रिश्तेदार की कहानी लोगों को सुनाई थी। बांबे स्टॉक एक्सचेंज में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' की कहानी लोगों को सुनाई।
पत्र का जवाब नहीं देने का अब भी मलाल
बाइडेन
ने
मुंबई
स्टॉक
एक्सचेंज
में
लोगों
को
अपनी
कहानी
सुनाते
हुए
कहा
था
''भारत
वापस
आना
और
यहां
मुंबई
में
होना
मेरे
लिए
सम्मान
की
बात
है।
29
साल
की
उम्र
में
जब
मैं
पहली
बार
अमेरिकी
सीनेट
के
लिए
चुना
गया
था
तब
मुझे
एक
पत्र
मिला
था,
जिसका
जवाब
नहीं
देने
का
आज
भी
मुझे
अफसोस
है।
शायद
दर्शकों
में
बैठा
कोई
वंशावली
विशेषज्ञ
मुझे
'बाइडेन
फ्रॉम
मुंबई'
से
मिलने
में
मेरी
मदद
कर
सके''
बाइडेन
ने
लोगों
से
कहा,
''शायद
हमारे
पूर्वजों
का
कोई
संबंध
हो
या
ईस्ट
इंडिया
कंपनी
में
काम
करने
के
लिए
मुंबई
आए
हों''।
कुछ
सालों
बाद
21
सितंबर
2015
को
यूएस
इंडिया
बिजनेस
काउंसिल
को
संबोधित
करते
हुए
जो
बाइडेन
ने
कहा
था,
''बाइडेन
फ्रॉम
मुंबई
और
मेरे
पूर्वजों
के
बीच
कोई
संबंध
हो
या
फिर
शायद
बाइडेन
फ्रॉम
मुंबई
मेरे
पूर्वज
थे।
वो
1848
में
ईस्ट
इंडिया
कंपनी
के
लिए
काम
करते
थे
और
शायद
उन्होंने
किसी
भारतीय
महिला
से
शादी
कर
ली
थी
और
वो
भारत
में
ही
रह
गये
थे।
''मैं भारत से भी चुनाव लड़ सकता हूं''
2013 में 'बाइडेन फ्रॉम मुंबई' का जिक्र करते हुए अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा था कि ''अगर ये सच है तो फिर मैं मुंबई से भी चुनाव लड़ सकता हूं''। बाइडेन की इस बात पर तमाम दर्शक हंस पड़े थे।
उस घटना के करीब 50 साल बीतने के बाद भी जो बाइडेन जब भी किसी भारतीय-अमेरिकी या भारतीय नेता से मुलाकात करते हैं तो 'बाइडेन फ्रॉम मुम्बई' का जिक्र जरूर करते हैं। जो बाइडेन आज भी अपने मुंबई में रहने वाले अपने उस रिश्तेदार से मुलाकात करना चाहते हैं।