US: बाइडेन ने ईरान के सामने परमाणु डील में लौटने के लिए रखी शर्त, जवाब आया-आप शर्त रखने लायक नहीं
वॉशिंगटन। अमेरिका में 20 जनवरी 2021 को सत्ता परिवर्तन होगा। व्हाइट हाउस में एक बार फिर डेमोक्रेट् की वापसी होगी और जो बाइडेन 46वें राष्ट्रपति के तौर पर ओवल ऑफिस पहुंचेंगे। बाइडेन ने सत्ता संभालने से पहले ईरान की परमाणु डील पर एक बड़ा बयान दिया है। बाइडेन ने कहा है कि अगर ईरान सख्त नियमों को मानने के लिए तैयार होता है तो अमेरिका फिर से परमाणु डील में शामिल हो जाएगा। बाइडेन ने यह भी कहा है कि वह साथी देशों के साथ काम करेंगे ताकि इसे मजबूत किया जा सके और आगे बढ़ाया जा सके। इस पर ईरान ने अमेरिका को दो टूक जवाब दिया है।
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साल 2015 में हुई थी डील
ईरान ने अब कहा है कि वह साल 2015 की डील को पूरी तरह से मानने के लिए तैयार है। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारीफ ने गुरुवार को कहा है कि अगर यूरोप और अमेरिका अपने पहले वाले वादे को पूरा करते हैं तो फिर वह पूरी तरह से डील का पालन करेगा। साल 2015 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में हुई डील का मकसद ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना था। साल 2018 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डील से अमेरिका को बाहर कर लिया था। उनका कहना था कि डील में ऐसा कुछ नहीं है जिसके बाद ईरान के परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को बंद किया जा सके या फिर मध्य एशिया में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
UN भी अब नहीं कर सकता निरीक्षण
बाइडेन के बयान के बाद जारीफ ने एक वीडियो लिंक के जरिए कॉन्फ्रेंस में कहा कि ज्वॉइन्ट कॉम्प्रेहेन्सिव प्लान ऑफ एक्शन (जेसीपीओए) पर फिर से कोई समझौता नहीं हो सकता है लेकिन इसे फिर से तैयार किया जा सकता है। जारीफ ने कहा, 'अमेरिका की प्रतिबद्धताएं हैं और वह इस स्थिति में नहीं है कि शर्ते रख सके।' बुधवार को ईरान की गार्डियन काउंसिल की तरफ से एक नए कानून को मंजूरी दी गई है कि जिसके तहत यूनाइटेड नेशंस (यूएन) को ईरान के परमाणु ठिकानों के निरीक्षण से रोका जा सकता है। इसके साथ ही अगर साल 2015 की डील में अगले दो माह के अंदर ढील नहीं दी गई तो फिर ईरान अपना यूरेनियम का भंडार बढ़ा सकता है।