फंस गए रे ओबामा हुआ चरितार्थ, इराक नहीं जाएंगे अमेरिकी सैनिक
शुक्रवार को बराक ओबामा ने एक प्रेस वार्ता के जरिए कहा कि ईराक में चल रहे युद्ध में वह अपने सैनिकों को युद्ध के लिए नहीं भेजेगा। ओबामा ने यह भी कहा कि अमेरिका ईराक में प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से मदद देगा। हालांकि ईराक को मिलने वाले किसी भी अप्रत्यक्ष मदद से वहां फंसे हुए नागरिकों की जान नहीं बचेगी।
इराकी सरकार की मदद के बन रहे दबाव के बीच ओबामा ने गुरुवार को इराक में सलाहकार भेजने की घोषणा की, जो यह आकलन करेंगे कि वे कैसे वहां के सुरक्षा बलों को इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के खिलाफ लड़ाई में प्रशिक्षण, सलाह और समर्थन दे सकते हैं।
ओबामा ने कहा कि इराक समस्या का समाधान सैनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक है। उन्होंने बहुत कुछ कहे बिना प्रधानमंत्री नुरी अल-मलिकी को सत्ता से हटाए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ''इराक के नताओं का चुनाव अमेरिका नहीं करेगा। यह साफ है कि ऐसे नेता जो विस्तृत एजेंडे के साथ शासन कर सकते हैं, वे इराकी जनता को साथ लाने और संकट के वक्त उनकी मदद करने में सक्षम होंगे।''
राष्ट्रपति
ने
कहा,
''इराक
में
सैन्य
कार्रवाई
समाधान
नहीं
है,
बल्कि
यहां
एक
विस्तृत
राजनीतिक
प्रक्रिया
शुरू
किए
जाने
की
तत्काल
आवश्यकता
है।''
ओबामा
ने
शिया,
कुद्र्स
और
सुन्नी
नेताओं
का
आह्वान
करते
हुए
कहा
कि
उन्हें
अपने
मतभेदों
को
भुलाकर
इराक
के
भविष्य
के
लिए
एक
राजनीतिक
योजना
लेकर
साथ
आगे
आना
चाहिए।