ट्रंप के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने ईरानी नेताओं को कहा 'पाखंडी धार्मिक पुरुष'
वॉशिंगटन। अमेरिका और ईरान के बीच रिश्तें अब तक के सबसे निम्न स्तर पर देखे जा रहे हैं। अमेरिका द्वारा कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद या यूं कहे कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ईरान को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी दोनों एक दूसरे को गंभीर परिणाम भुगतने और युद्ध की धमकियां दे चुके हैं। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ईरानी धार्मिक नेताओं को पाखंडी करार दिया है।
अमेरिक ने ईरान की सेना के बाद धार्मिक नेताओं को लिया आडे हाथ
कैलिफोर्निया में एक स्पीच के दौरान पोंपियो ने कहा कि हम ईरान के खिलाफ सबसे उच्च स्तर पर प्रतिबंध लगाने से नहीं डर रहे हैं। ईरान की राजनीति और मिलिट्री को कई बार धमकाने के बाद अब पोंपियो ने ईरानी धार्मिक नेताओं को पाखंड करार दिया है। पोंपियो ने कहा कि इन धार्मिक पुरुषों को गुजारा चलाने के लिए बड़ी मात्रा में लोगों का पैसा लगा है। पोंपियो ने कहा, 'कई बार लगता है कि तानाशाही सरकारों और विदेशों में उनकी हिंसा से दुनिया असंवेदनशील गई है। लेकिन बहादूर गर्व ईरानी लोग अपनी सरकारों के कई दुर्व्यवहारों के खिलाफ चुप नहीं बैठ रहे हैं।'
अमेरिका चुप नहीं बैठेगा
पोंपियो ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही चुप नहीं बैठेंगे। पोंपियो ने आगे कहा, 'उनके प्रदर्शनों और 40 साल की तानाशाही को देखते हुए ईरान के लोगों से कहना चाहता हूं कि अमेरिका आपको सुन रहा है। अमेरिका आपको समर्थन कर रहा है। अमेरिका आपके साथ खड़ा है।' पोंपियो ने ईरान की सरकार और उनके नेताओं को माफिया भी कहा है।
रूहानी-ट्रंप की जुबानी जंग शुरू
हसन
रूहानी
ने
अमेरिका
को
धमकी
देते
हुए
शेर
की
पूंछ
से
खेलने
की
कोशिश
ना
करने
की
हिदायत
दी
थी।
रूहानी
ने
कहा
कि
अमेरिका
को
पछताना
पड़ेगा।
इस
धमकी
के
बाद
डोनाल्ड
ट्रंप
ने
रूहानी
को
धमकी
दी
है।
उन्होंने
ट्विटर
पर
धमकी
देते
हुए
लिखा,
'ईरान
के
राष्ट्रपति
रूहानी
कभी
भी
अमेरिका
को
डराने
की
कोशिश
न
करें
नहीं
तो
फिर
आपको
ऐसे
नतीजे
भुगतने
पड़ेंगे
जिनके
बारे
में
इतिहास
में
भी
कभी
नहीं
सोचा
होगा।'