PoK में चुनाव जीतने के लिए इमरान ने लगाई 'आग', फिर भी साधारण रहा प्रदर्शन
Pok चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच इमरान खान की पार्टी ने साधारण बहुमत हासिल कर ली है।
नई दिल्ली, जुलाई 26: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर आग लगाने का आरोप लगा है। आरोप है कि चुनावी जीत हासिल करने के लिए इमरान खान ने पीओके की शांति को बर्बाद करके रख दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान पर चुनावी जीत हासिल करने के लिए हिंसा करने, चुनाव में धांधली करने, बूथ कैप्चर करवाने के भी आरोप लगे हैं, लेकिन इतना सब करने के बाद भी इमरान खान की पार्टी पीओके में साधारण बहुमत ही हासिल कर पाई।
इमरान खान को साधारण बहुमत
पीओके में रविवार को चुनाव कराया गया था, जिसमें भीषण हिंसा देखने को मिली है और इमरान खान की पार्टी पीटीई के दो कार्यकर्ता हिंसा भड़काते वक्त मारे भी गये हैं। वहीं, कार्यकर्ताओं की मौत के बाद इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई पुलिसवालों को बुरी तरह से पीटा है और कई जगहों पर भीषण आगजनी भी की है। हालांकि, अभी तक चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि इमरान खान की पार्टी ने पीओके में साधारण बहुमत हासिल कर लिया है।
इमरान की पार्टी बनाएगी सरकार!
पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में इमरान खान की पार्टी पीटीआई सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है और इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी को 25 सीटें हासिल हुई हैं। वहीं, बिलावल भुट्टो की पार्टी को पीओके चुनाव में 9 सीटें मिली हैं, जबकि मरियम नवाज शरीफ की पार्टी को चुनाव में 6 सीटें मिली हैं। वहीं, 2 सीटें अन्य के खाते में गई हैं। आपको बता दें कि पीओके विधानसभा में कुल 53 सदस्य हैं लेकिन उनमें से केवल 45 ही सीधे चुने जा सकते हैं। इनमें से पांच सीटें महिलाओं के लिए और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए आरक्षित हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला हुआ है, जिसमें इमरान खान की पार्टी को साधारण बहुमत हासिल हुआ है।
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चुनाव जीतने के लिए लगाई आग ?
पीओके के चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने कोटली में हुई हत्या की घटना की निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के कारण कई अन्य विधानसभा सीटों पर मतदान अस्थायी रूप से स्थगित करना पड़ा। हिंसा की इन घटनाओं में कई लोग घायल हुए हैं और कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, हिंसा की शुरूआत तब हुई जब इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं पर बूथ कैप्टर करने के आरोप लगे। वहीं, पीपीपी कार्यकर्ताओं ने पीटीआई कार्यकर्ताओं पर मतदान प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाया। पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता 'वोट के चोरों' को मजबूती से बेनकाब कर रहे हैं। वहीं पीएमएल (एन) की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने ट्वीट कर कई विधानसभा सीटों पर मतदान के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
भारत ने किया चुनाव का विरोध
पीओके में चुनाव को लेकर भारत सरकार की तरफ से विरोध दर्ज कराया गया था और गिलगित-बाल्तिस्तान में चुनाव कराने का विरोध किया गया। भारत ने कहा कि पीओके की स्थिति को बदलने की कोशिश का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है। वहीं, पाकिस्तान चुनाव आयोग ने प्रतिबंध के बाद भी टीएलपी के पंजीकरण को रद्द नहीं किया। जिसके बाद तहरीक-ए-लब्बैक के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन उन्हें एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। आपको बता दें कि 33 निर्वाचन क्षेत्र पीओके में स्थित हैं जबकि 12 सीटें पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बसे शरणार्थियों के लिए हैं। पीओके चुनाव में अब तक पाकिस्तान में जिस भी पार्टी की सरकार होती है, वही चुनाव भी जीतती है। ऐसा माना जाता है कि सत्ताधारी पार्टी बंदूक के दम पर चुनाव जीतती है। पीओके में पिछली बार जुलाई 2016 में विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने चुनाव जीता था।
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