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SCO में पीएम मोदी के हैंडशेक ने दिलाई अटल बिहारी वाजपेयी की याद

रविवार को चीन के शहर किंगदाओ में 18वें शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट का समापन हो गया। यहां पर स्‍टेज पर उस समय दुनियाभर की मीडिया के कैमरों के फ्लैश चमकने लगे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन से हाथ मिलाया।

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किंगदाओ। रविवार को चीन के शहर किंगदाओ में 18वें शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट का समापन हो गया। यहां पर स्‍टेज पर उस समय दुनियाभर की मीडिया के कैमरों के फ्लैश चमकने लगे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन से हाथ मिलाया। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग उस समय वहां मौजूद थे और उनकी मुस्‍कुराहट सबकुछ बयां कर रही थी। इस एक मौके ने साल 2002 में हुई उस घटना की याद दिला दी जो अटल बिहारी वाजपेई के रहते घटी थी। भारत और पाकिस्‍तान की राजनीति पर नजर रखने वाले 11वें सार्क सम्‍मेलन के दौरान पूर्व भारतीय पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व पाकिस्‍तानी राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच हुए हैंडशेक को कभी नहीं भुला पाए हैं। अगर गौर से देखें तो मोदी और हुसैन का हैंडशेक भी उस घटना के जैसा ही है।

तनाव के बीच हुआ हैंडशेक

तनाव के बीच हुआ हैंडशेक

मोदी और हुसैन ने उस समय हाथ मिलाया जब दोनों देशों के बीच पठानकोट और उरी आतंकी हमले के बाद तनाव अपने चरम पर है। सीमा पर लगातार सीजफायर वॉयलेशन हो रहा है और पाकिस्‍तान लगातार कश्‍मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। जिस समय अटल बिहारी वाजपेयी और मुशर्रफ ने सार्क सम्‍मेलन के दौरान तनाव के बीच हाथ मिलाया था तो उस समय भारत कारगिल वॉर, संसद पर आतंकी हमले और आगरा समिट के साथ ही कई धोखे पाकिस्‍तान से झेल चुका था। उस समय भी दोनों नेताओं ने मुस्‍कुराकर एक दूसरे का अभिवादन किया था जब दुनिया को इसकी उम्‍मीद नहीं थी। उस समय भी पाकिस्‍तान में नवाज शरीफ की सत्‍ता जा चुकी थी और मुशर्रफ ने कमान अपने हाथ में ले ली थी।

क्‍या हुआ था सार्क समिट में

क्‍या हुआ था सार्क समिट में

11वीं सार्क समिट का आयोजन नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुआ था और तमाम आशंकाओं के बीच अटल बिहारी वाजपेयी यहां पहुंचे तो पाक से राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ सार्क पहुंचे थे। समिट के दौरान मुशर्रफ के एक अंदाज ने पाक की एक अलग ही छवि पेश की थी। कारगिल युद्ध के जिम्‍मेदार परवेज मुशर्रफ अपना भाषण देकर पोर्डियम से उतरकर जा रहे थे कि अचानक ही वह वाजपेई के पास आए और उन्‍होंने हाथ आगे बढ़ाया। मुशर्रफ के इस रवैये को वाजपेयी भी नजरअंदाज नहीं कर पाए। वह भी अपनी सीट से उठे और उन्‍होंने उसी गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। उस समय मीडिया में लिखा गया था कि ऐसे समय में जब आतंकवाद का खतरा बरकरार है, मुशर्रफ और वाजपेई के बीच नजर आई गर्मजोशी वाकई काबिल-ए-तारीफ है।

हाथ मिलाने के बाद कड़ा संदेश

हाथ मिलाने के बाद कड़ा संदेश

मुशर्रफ ने भले ही वाजपेई के लिए अपने प्‍यार और सम्‍मान का प्रदर्शन किया हो लेकिन इसके बावजूद वाजपेई ने अपने ही अंदाज में पाक को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा जवाब भी दिया था। वाजपेई ने इस समिट में कहा, 'मुझे खुशी है कि राष्‍ट्रपति मुशर्रफ ने मेरी ओर दोस्‍ती का हाथ बढ़ाया है। मैंने आप सभी की मौजूदगी में उनसे हाथ मिलाया है। अब मुशर्रफ को अपने इसी भाव को आगे बढ़ाना होगा।' वाजपेई ने कहा मुशर्रफ को वादा करना होगा कि वह पाक या इससे लगी सीमाओं में उन आतंकी गतिविधियों को पनपने नहीं देंगे जो भारत के खिलाफ हों। हुसैन से पीएम मोदी ने हाथ तो मिलाया लेकिन यह बताना भी नहीं भूले कि आज अफगानिस्‍तान में जो हालात हैं उनके लिए कैसे पाकिस्‍तान जिम्‍मेदार है और यहां पर आतंकवाद के बढ़ावा दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्‍तान में जो कुछ भी हो रहा है वह आतंकवाद का सबसे गंदा उदाहरण है।

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English summary
PM Narendra Modi shakes hands with Pakistan President at SCO in Qingdao, China. The incident made people to remember former PM Atal Bihari Vajpayee.
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