सियोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने दक्षिण कोरिया के शांति पुरस्कार से सम्मानित होने वोल 14वें व्यक्ति
सियोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हैं। यहां पर उन्हें शुक्रवार को सियोल शांति पुरस्कार से एक कार्यक्रम में नवाजा गया है। पीएम मोदी को साल 2018 में किए गए उनके शांति के प्रयासों की वजह से इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान और दुनिया को मोदीनॉमिक्स के जरिए बदलने की कोशिशों की वजह से दिया गया। पीएम मोदी इस पुरस्कार को हासिल करने वाले 14वें व्यक्ति हैं।
नागरिकों को समर्पित किया पुरस्कार
पीएम मोदी ने उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए दक्षिण कोरिया का शुक्रिया अदा किया। इसके साथ ही उन्होंने इस पुरस्कार को भारत के नागरिकों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि इस अवॉर्ड के साथ ही भारत का 'वसुधैव कुटम्बकम' का संदेश दुनिया में गया है। अक्टूबर में साउथ कोरिया की ओर से उन्हें यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। उस समय भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि दुनिया की शांति, मानव विकास और भारत में लोकतंत्र के लिए पीएम मोदी के योगदान को देखते हुए ही उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। जिस समय इस पुरस्कार को दिए जाने का ऐलान हुआ, उससे पहले ही पीएम मोदी को यूनाइटेड नेशंस की ओर से चैंपियस ऑफ अर्थ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
क्यों मिला पीएम मोदी को पुरस्कार
भारत सरकार के मुताबिक, 'सियोल शांति पुरस्कार समिति ने साल 2018 का पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने का फैसला किया है। समिति ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वैश्विक आर्थिक तरक्की को आगे बढ़ाने और भारत में मानव विकास को आर्थिक प्रगति के जरिए आगे बढ़ाने और भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ाई के साथ ही सामाजिक एकता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्पण को पहचाना है।' अवॉर्ड कमेटी ने पीएम मोदी के उस योगदान को पहचाना है जो उन्होंने भारतीय और वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में दिया है। कमेटी ने आर्थिक और सामाजिक भेदभाव को दूर करने के लिए 'मोदीनॉमिक्स' को श्रेय दिया है। कमेटी ने भष्ट्राचार के विरोध में चलाई गई पीएम मोदी की मुहिम और डीमॉनेटाइजेशन जैसे उपायों पर भी गौर किया है।
शांति के प्रयास भी सराहनीय
कमेटी की ओर से मोदी के क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए किए प्रयासों की भी सराहना की गई है। विदेश नीति में दुनिया भर के देशों के साथ एक प्रगतिशील सोच के लिए 'मोदी डॉक्ट्राइन' 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' के शांति लाने के मोदी के प्रयासों की सराहना की गई है। पीएम मोदी ने इस पुरस्कार को स्वीकारा है। उन्होंने इस सम्मान से सम्मानित करने के लिए कोरियाई गणतंत्र का शुक्रिया अदा किया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक पीएम मोदी ने कोरियाई गणतंत्र के साथ भारत की गहरी होती साझेदारी को पुरस्कार के लिए जिम्मेदार बताया है। मोदी को यह पुरस्कार कब दिया जाएगा इस पर आपसी बातचीत के जरिए सही समय का निर्धारण किया जाएगा।
साल 1990 से हुई पुरस्कार की शुरुआत
सियोल शांति पुरस्कार की शुरुआत साल 1990 में हुई थी। उस समय सियोल में 24वें ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ था। इन खेलों के समापन पर पुरस्कार की शुरुआत की गई। इस ओलंपिक में दुनियाभर के 160 देशों ने हिस्सा लिया था। इस पुरस्कार को देने का मकसद कोरियाई गणतंत्र के नागरिको में मौजूद शांति की भावना से दुनिया को रूबरू करवाना था। पीएम मोदी से पहले यह पुरस्कार यूएन के पूर्व मुखिया कोफी अन्नान, जर्मन चासंलर एंजेला मार्केल, अंतरराष्ट्रीय राहत संगठनों जैसे डॉक्टर्स विदआउट ब्रदर्स एंड ऑक्सफेम को दिया जा चुका है। दुनिया भर से करीब 1300 से ज्यादा लोगों को पुरस्कार के लिए नामित करने का प्रस्ताव भेजा जाता है।