भारत-भूटान के बीच 5 MoU पर हस्ताक्षर, पीएम मोदी ने कहा- पड़ोसी देश के विकास को लेकर प्रतिबद्ध
थिम्फू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को दो दिवसीय भूटान दौरे पर भूटान पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एयर पोर्ट पर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद दोनों के देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों के दिलों में भूटान एक विशेष स्थान रखता है। मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान, प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पहली यात्रा के लिए भूटान का चुनाव स्वाभाविक था। इस बार भी, अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही भूटान आकर मैं बहुत खुश हूं। इस दौरान भारत और भूटान के बीच पांच एमओयू पर साइन हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और भूटान के संबंध दोनों देशों के लोगों की प्रगति, सम्पन्नता और सुरक्षा के साझा हितों पर आधारित है। भारत और भूटान के संबंध दोनों देशों के लोगों की प्रगति, सम्पन्नता और सुरक्षा के साझा हितों पर आधारित है। भूटान की पंचवर्षीय योजनाओं में भारत का सहयोग आपकी इच्छाओं और प्राथमिकताओं के आधार पर आगे भी जारी रहेगा।
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दोनों देशों की ओर से संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भूटान नरेशों की बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता ने लंबे समय तक हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन किया है। उनके विजन ने भूटान को दुनिया के सामने एक ऐसे उदाहरण की तरह प्रस्तुत किया है जहां विकास को आंकड़ों से नहीं, खुशियों से नापा जाता है। मुझे बहुत खुशी है कि आज हमने भूटान में रुपए कार्ड को लॉन्च किया है। इससे डिजिटल भुगतान और व्यापार तथा पर्यटन में हमारे संबंध और बढेंगे।
Bhutan: 5 Memoranda of Understanding (MoU) signed between India & Bhutan at Simtokha Dzong, in presence of Prime Minister Narendra Modi and Prime Minister of Bhutan (Dr.) Lotay Tshering pic.twitter.com/sRJIjb6h8H
— ANI (@ANI) August 17, 2019
पीएम मोदी ने कहा कि हाइड्रोपावर दोनों देशों के बीच सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। दोनों देशों ने भूटान की नदियों की शक्ति को बिजली में ही नहीं, पारस्परिक समृद्धि में भी बदला है। दोनों देशों के सहयोग से भूटान में हाइड्रो पावर उत्पादन क्षमता 200 मेगावाट को पार कर आगे बढ़ रही है। भूटान के सामान्य लोगों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत से एलपीजी की आपूर्ति को 700 से बढ़ाकर 1000 मिट्रिक टन प्रतिमाह करने का फैसला किया है। इससे क्लीन फ्यूल गांवों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
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