जर्मनी में बोले पीएम मोदी, यूक्रेन संकट में कोई विजेता नहीं होगा, बातचीत ही एकमात्र समाधान
बर्लिन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के यूरोप दौरे के अपने पहले पड़ाव पर जर्मनी पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने जर्मनी के चांसलर ओलाफ चोर्ल्स से मुलाकात की। दोनों ने साझा बयान जारी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर अहम बयान दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि हाल की घटनाएं बताती हैं कि वैश्विक शांति और स्थिरता मुश्किल दौर में है, इन घटनाओं ने दिखाया कि कैसे सभी देश एक दूसरे से जुड़े हैं। हमने पहले भी कहा है कि यूक्रेन संकट का समाधान बातचीत है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई भी विजेता नहीं होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस वर्ष की मेरी पहली विदेश यात्रा जर्मनी में हो रही है। इस साल की शुरुआत में किसी विदेशी नेता से मेरी फोन पर पहली बातचीत चांसलर शोल्ज से ही हुई थी। किसी भी देश के साथ यह पहली आईजीसी बैठक है, यह दर्शाता है कि भारत और जर्मनी दोनों ही देश इस महत्वपूर्ण साझेदारी को कितना महत्व दे रहे हैं। लोकतांत्रिक देशों के तौर पर भारत और जर्मनी कई कॉमन मूल्यों को साझा करते हैं, इनके आधार पर हमारे द्वीपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हमारी पिछलीआईजीसी 2019 में हुई थी, उसके बाद से विश्व में बड़े बदलाव हुए हैं।
पीएम ने कहा कि यूक्रेन के संकट के प्रारंभ से ही हमने तुरंत ही युद्ध के विराम का आह्वाहन किया था और जोर दिया था कि इस विवाद को सुलझाने का एकमात्र उपाय बातचीत है। हमारा मानना है कि इस युद्ध में कोई भी पक्ष विजयी नहीं होगा, सभी को नुकसान होगा। इसलिए हम शांति के पक्ष में हैं। यूक्रेन संघर्ष के उथल-पुथल के कारण तेल कीमतें आसमान छू रही हैं। विश्व में खाद्यान्न और खाद की भी कमी हो रही है। इससे विश्व के हर परिवार पर असर पड़ा है। इस संघर्ष के मानवीय असर हुए हैं, भारत बहुत ही चिंतित है, हमने अपनी तरफ से यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है। हमने अन्य देशों को भी तेल आपूर्ती और अन्य माध्यम से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आज किए गए निर्णयों का हमारे क्षेत्र और विश्व के भविष्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम भारत-जर्मनी के बीच हरित और सतत विकास की साझेदारी पर समझौता करने जा रहे हैं। जर्मनी ने भारत का इसमे सहयोग का फैसला लिया है और 2030 तक 10 बिलियन यूरो के निवेश की बात कही है। पीएम ने कहा कि मैं खुश हूं कि 2022 में पहली विदेश यात्रा जर्मनी है, फोन पर पहले विदेशी नेता से मेरी फोन पर बात मेरे दोस्त चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से ही हुई थी। जर्मनी के चांसलर ने कहा कि यह हमारे बीच रिश्तों के लिहाज से यह बेहद खास है, मैंने जी-7 समिट में आपको न्योता दिया था। भारत एशिया में आर्थिक लिहाज से, सुरक्षा और पर्यावरण के लिहाज जर्मनी का सुपर पार्टनर है