UNGA में बोले पीएम मोदी- मैं उस देश का प्रतिनिधि हूं, जिसे 'लोकतंत्र की जननी' कहा जाता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत के महान लोकतंत्र का जिक्र किया।
न्यूयॉर्क, 25 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत के महान लोकतंत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मैं आज इस महासभा में उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, जिसे 'लोकतंत्र की जननी' कहा जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि ये भारत का महान लोकतंत्र ही है कि जो बच्चा कभी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में अपने पिता की मदद करता था, वो आज उस देश का प्रधानमंत्री है। भारत के लोकतंत्र की ही ताकत है कि वो बच्चा गुजरात का सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री भी रहा।
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अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 'इसी साल 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75 साल पूरे किए हैं और यूएन के मंच से मैं बताना चाहता हूं कि हमारी विविधता ही हमारे मजबूत लोकतंत्र की पहचान है। पिछले करीब डेढ़ साल से ये दुनिया एक ऐसी महामारी से जूझ रही है, जो बीते 100 साल में पहले कभी नहीं देखी गई। मैं उन सभी लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, और उन्हें श्रद्धांजली देता हूं, जिन्होंने इस कोरोना वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई है।'
'कोरोना
के
खिलाफ
लड़ाई
में
सबसे
आगे
खड़ा
है
भारत'
संयुक्त
राष्ट्र
महासभा
में
दिए
गए
अपने
भाषण
में
पीएम
मोदी
ने
कहा,
'हमारा
मानना
है
कि
विकास
सर्व-समावेशी,
सार्वभौमिक
और
सभी
का
पोषण
करने
वाला
होना
चाहिए।
मैं
संयुक्त
राष्ट्र
महासभा
को
बताना
चाहता
हूं
कि
भारत
पहला
ऐसा
देश
है,
जिसने
दुनिया
की
पहली
डीएनए
वैक्सीन
को
विकसित
किया
है।
इस
वैक्सीन
को
12
साल
की
उम्र
से
ऊपर
के
किसी
भी
व्यक्ति
को
दिया
जा
सकता
है।
इसके
अलावा
भारत
में
एक
एमआरएनए
वैक्सीन
भी
अपने
अंतिम
चरण
में
है।
भारत
के
वैज्ञानिक
कोरोना
वायरस
के
खिलाफ
एक
ऐसा
टीका
भी
विकसित
कर
रहे
हैं,
जिसे
नाक
के
माध्यम
से
दिया
जा
सकेगा।
हमारा
संकल्प
है
कि
कोरोना
वायरस
महामारी
के
खिलाफ
लड़ाई
में
भारत
सबसे
आगे
खड़ा
रहेगा।'