ग्लोबल कोविड समिट में बोले पीएम मोदी- हमने मानवता को परिवार के रूप में देखा, करते रहेंगे सबकी मदद
नई दिल्ली, 22 सितंबर: अमेरिका के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ग्लोबल कोविड समिट को संबोधित किया। इस दौरान दुनियाभर के देशों को आपस में सहयोग के लिए पीएम ने सभी को धन्यवाद कहा। पीएम मोदी के मुताबिक कोविड-19 दुनिया के लिए बड़ा व्यवधान है, जो अभी खत्म नहीं हुआ है। अभी भी दुनियाभर के अधिकांश हिस्सों में टीकाकरण नहीं हो पाया, ऐसे में राष्ट्रपति बाइडेन की नई पहल सामयिक और स्वागत योग्य है।
पीएम ने कहा कि भारत ने हमेशा मानवता को एक परिवार के रूप में देखा है। भारत के फार्मास्युटिकल उद्योग ने लागत प्रभावी डायग्नोस्टिक किट, दवाएं, चिकित्सा उपकरण और पीपीई किट का उत्पादन किया। ये कई विकासशील देशों को किफायती विकल्प प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा हमारे देश ने 150 से अधिक देशों में दवाएं और चिकित्सा आपूर्ति भिजवाई। अभी भारत के पास दो टीके उपलब्ध हैं, जिसमें दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका भी शामिल है। अब कई भारतीय कंपनियां विभिन्न टीकों का लाइसेंस प्राप्त कर उत्पादन कर रही हैं।
वैक्सीन के निर्यात पर पीएम ने कहा कि हमने अपनी कोविड वैक्सीन को 95 देशों के साथ साझा किया है। भारत में कोविड की दूसरी लहर के दौरान दुनिया भारत के साथ खड़ी थी। भारत को दी गई एकजुटता और समर्थन के लिए मैं आप सब का धन्यवाद करता हूं। अब भारत के हालात सुधर रहे हैं। साथ ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले हमने एक दिन में ढाई करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई। अब तक हम 20 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज दे चुके हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि जैसे-जैसे नए भारतीय टीके विकसित होते हैं, हम मौजूदा टीकों की उत्पादन क्षमता भी बढ़ा रहे हैं। इसके लिए कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला को खुला रखना चाहिए। प्रधानमंत्री के मुताबिक हमारे क्वाड पार्टनर्स इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए टीके बनाने के लिए भारत की विनिर्माण शक्ति का लाभ उठा रहे हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड वैक्सीन डायग्नोस्टिक और दवाओं के लिए WTO में TRIPS छूट का प्रस्ताव दिया है। ये महामारी के खिलाफ लड़ाई को तेजी से बढ़ाने में सक्षम होगा। वहीं डगमगाई अर्थव्यवस्था पर उन्होंने कहा कि हमें महामारी के आर्थिक प्रभावों को दूर करने पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।