Video: बिशकेक में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का हैंडशेक
बिशकेक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिशकेक पहुंच गए हैं। पीएम मोदी यहां पर 14 जून तक रुकेंगे और समिट से अलग पहले दिन उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। जैसा कि माना जा रहा था दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हुई और कई मुद्दों पर दोनों नेताओं ने चर्चा की। पीएम मोदी, जिनपिंग के अलावा रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे लेकिन भारत की ओर से मोदी और इमरान के बीच किसी भी तरह की वार्ता होने से साफ इनकार कर दिया गया है।
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पीएम मोदी ने कहा जिनपिंग का कहा थैंक्यू
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में मिली विशाल जीत पर उन्हें बधाई दी। इस पर पीएम मोदी ने उन्हें शुक्रिया कहा। इसके साथ ही पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को उनके आने वाले बर्थडे के लिए बधाई दी है। जिनपिंग का बर्थडे 15 जून को है। जिनपिंग और मोदी की मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब मई माह में यूनाइटेड नेशंस में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जा चुका है। 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ने ली थी। इस समिट के दौरान माना जा रहा है पीएम मोदी पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का जिक्र भी कर सकते हैं। लेकिन इससे पहले चीन ने इस समिट को लेकर अल्टीमेटम दिया है। चीन ने साफ-साफ कहा है कि इस समिट के दौरान किसी भी सूरत में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर निशाना नहीं साधा जाना चाहिए। चीन हमेशा से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का बचाव करता आया है। चीन कहता आया है कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का पीड़ित है और उसने आतंकियों को खत्म करने की दिशा में बेहतरीन काम किया है। यह बात हमेशा से भारत को न सिर्फ निराश करती आई है बल्कि चीन के साथ संबंधों में भी उतार-चढ़ाव की बड़ी वजह बन जाती है।
ओमान और ईरान होते हुए गए बिशकेक
पीएम मोदी, ओमान, ईरान और मध्य एशिया होते हुए बिशकेक पहुंचे हैं। पहले उनका एयरक्राफ्ट पाकिस्तान से होते हुए यहां पर पहुंचने वाला था। बुधवार को विदेश मंत्रालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई कि पीएम का एयरक्राफ्ट अब पाकिस्तान एयरस्पेस से नहीं बल्कि ओमान और ईरान के एयरस्पेस से होता हुआ बिशकेक पहुंचेगा। भारत सरकार ने यह फैसला क्यों लिया जबकि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंजूरी के बाद पाक होते हुए ही बिशकेक पहुंची थीं। पाकिस्तान की ओर से 10 जून को ही भारत के उस अनुरोध को माना गया था जिसमें पीएम मोदी के एयरक्राफ्ट को गुजरने देने के लिए एयरस्पेस खोलने की मांग की गई थी। साल 2017 में कजाखिस्तान के एश्टाना में एससीओ समिट का आयोजन हुआ था। यहीं पर भारत और पाकिस्तान दोनों को ही इस ऑर्गनाइजेशन के स्थायी सदस्य का दर्जा दिया गया था।