अमेरिकी उप-राष्ट्रपति पेंस से मुलाकात में पीएम मोदी ने कहा, H-1B वीजा में बदलाव में भारतीय प्रोफेशनल्स को नहीं होना चाहिए नुकसान
सिंगापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सिंगापुर में ईस्ट एशिया समिट से अलग अमेरिका के उप-राष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात की। इस मुलाकात में पीएम मोदी ने पेंस के साथ एच-1बी वीजा प्रोग्राम पर बात की और उन्हें बताया कि प्रोग्राम में बदलाव करते समय अमेरिका उन भारतीय प्रोफेशनल्स की 'घरेलू मान्यताओं' को ध्यान में रखे जो वहां पर काम करने जा रहे हैं। मोदी ने पेंस को बताया कि भारतीय प्रोफेशनल्स न सिर्फ अपने कौशल और क्षमताओं की वजह से अमेरिका को भाते हैं बल्कि वह जब अमेरिका जाते हैं तो अपनी 'घरेलू मान्यताओं' को भी साथ लेकर जाते हैं। विदेश सचिव विजय गोखले ने इस बात की जानकारी दी।
भारतीयों को लग सकता है बड़ा झटका
सिंगापुर ने इस वर्ष आसियान और ईस्ट एशिया समिट का आयोजन किया है। इस समिट के दौरान पेंस से मुलाकात करते समय पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्रंप की ओर से व्हाइट हाउस में आयोजित दिवाली कार्यक्रम के लिए उनकी सराहना भी की। मोदी ने पेंस से कहा है कि वह इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए ट्रंप का शुक्रिया जरूर अदा करें। मोदी ने इस मौके पर अमेरिका में जारी एच-1 बी वीजा प्रोग्राम में बदलाव की बात भी कर डाली। ट्रंप प्रशासन की ओर से इस कार्यक्रम में होने वाला बदलाव सबसे ज्यादा भारतीय प्रोफेशनल्स को प्रभावित करेगा। इस कदम से भारत की आईटी कंपनियों को तगड़ा झटका लग सकता है। विजय गोखले की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मोदी ने पेंस से कहा कि भारतीय प्रोफेशनल्स जो अमेरिका जा रहे हैं वह न सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नए मूल्यों को शामिल कर रहे हैं बल्कि यहां का राजनीतिक और सामाजिक ढांचा भी बदल रहे हैं।
बदलाव के समय रखें हर बात का ध्यान
इसी बात का जिक्र करते हुए मोदी ने पेंस से कहा कि ऐसे में वह इस बात की उम्मीद करते हैं कि अमेरिका इस बात को ध्यान में रखेगा जब एच-1बी वीजा के मुद्दे पर कोई कदम उठाएगा। पेंस ने भी मोदी की इस बात की तारीफ की। ट्रंप 'अमेरिका फर्स्ट' को ध्यान में रखकर इस वीजा प्रोग्राम में बदलाव करने जा रहे हैं। उनका वादा है कि वह अमेरिकियों के लिए नौकरियों की रक्षा करेंगे। ट्रंप के इस कदम के बाद से ही भारत में संशय का माहौल है। भारत को इस बात की आशंका है कि कहीं ट्रंप का यह कदम अमेरिका में मौजूद भारतीय आईटी कंपनियों को बड़े घाटे की तरफ न धकेल दे। भारत को डर है कि ट्रंप का ऐलान भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका में कई तरह की मुश्किलें पैदा कर सकता है। यह भी पढ़ें-माइक पेंस के साथ मीटिंग में मोदी ने किया पाकिस्तान का जिक्र