फ़िलीपींस: चर्च में दो बम धमाके, कई लोगों की मौत
पिछले हफ़्ते हुए जनमत संग्रह में, मतदाताओं ने दक्षिण फिलीपींस के मुसलमान बहुल इलाके में बंग्सामोरो स्वायत्त क्षेत्र के समर्थन में वोट किया. लेकिन सुलु प्रांत में पड़ने वाले जोलो द्वीप ने इसे ख़ारिज कर दिया था.
सरकार और मोरो इस्लामिक लिबरेशन फ्रंट के बीच शांति समझौते के बाद यह जनमत संग्रह करवाया गया था.
मतदान से पहले अधिकारियों ने यह उम्मीद जताई थी
दक्षिण फ़िलीपींस के एक रोमन कैथलिक चर्च में रविवार को दो बम धमाके हुए जिनमें अब तक 20 लोगों के मारे जाने और दर्ज़नों के घायल होने की पुष्टि हुई है.
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि पहला धमाका जोलो द्वीप पर स्थित एक चर्च में संडे मास (रविवार को होने वाली प्रार्थना) के दौरान हुआ. इस हिस्से में इस्लामिक चरमपंथी सक्रिय हैं.
कुछ ही देर बाद यहां कार पार्किंग में दूसरा विस्फोट हुआ.
यह हमला इस इलाके के मुसलमान बहुल क्षेत्र के एक जनमत संग्रह में स्वायत्तता के पक्ष में मतदान किए जाने के कुछ दिनों बाद हुआ है.
अब तक किसी भी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
जोलो काफ़ी समय से अबू सय्यफ ग्रुप और अन्य चरमपंथियों का गढ़ रहा है.
हमले के बारे में अब तक क्या पता है?
स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहला धमाका लेडी माउंट कार्मेल कैथेड्रल के भीतर स्थानीय समय के मुताबिक आठ बजकर 45 मिनट पर हुआ. यह चर्च पहले भी चरमपंथियों के निशाने पर रहा है. दूसरा बम कुछ ही देर बाद चर्च की दहलीज के पास हुआ.
पुलिस ने शुरू में 27 लोगों के मौत की बात कही थी लेकिन बाद में मृतकों की संख्या को घटाकर 20 कर दिया गया. उन्होंने बताया कि पहले की रिपोर्ट में कुछ शवों की दोबारा गिनती हो गई थी.
सोशल मीडिया पर पोस्ट तस्वीरों के मुताबिक चर्च की तरफ जाने वाले रास्ते को पुलिस ने सील कर दिया है और वहां हथियारों से लैस पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है.
रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेन्ज़ाना ने इसे कायरतापूर्ण हमला बताते हुए स्थानीय लोगों को प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा, "हम अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए क़ानून की पूरी ताक़त का इस्तेमाल करेंगे."
पिछले हफ़्ते हुए जनमत संग्रह में, मतदाताओं ने दक्षिण फिलीपींस के मुसलमान बहुल इलाके में बंग्सामोरो स्वायत्त क्षेत्र के समर्थन में वोट किया. लेकिन सुलु प्रांत में पड़ने वाले जोलो द्वीप ने इसे ख़ारिज कर दिया था.
सरकार और मोरो इस्लामिक लिबरेशन फ्रंट के बीच शांति समझौते के बाद यह जनमत संग्रह करवाया गया था.
मतदान से पहले अधिकारियों ने यह उम्मीद जताई थी कि यह जनमत संग्रह कैथोलिक प्रधान देश में इस्लामिक अलगावादियों और फिलीपींस की सेना के बीच दशकों से चली आ रही लड़ाई को खत्म करने की दिशा में एक राजनीतिक समाधान हो सकता है.
दशकों से चली आ रही इस हिंसा में अब तक 12 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं.