फिलीपींस में भारत के साथ जापान, ऑस्ट्रेलिया और US ने की मीटिंग, चीन को लगी मिर्ची
मनीला। फिलीपींस में दशकों बाद भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलियाई डिप्लोमेट्स के बीच एक मीटिंग हुई, जिसको लेकर चीन ने आपत्ती जताई है। चीन ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि क्षेत्रीय सहयोग देशों को राजनीतिकरण और बाहरी देशों से दूर रखना चाहिए। मनीला में 31वें आसियान समिट के दौरान साउथ एशियन देशों के साथ एपेक देश ने भी भाग लिया, जहां ग्लोबल लीडर्स का जमावड़ा देखने को मिला।
मनीला में दुनिया के चार बड़े लोकतांत्रिक देशों के प्रतिनिधियों ने मीटिंग की। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ने पर फोकस किया। इस महत्वपूर्ण मीटिंग में चीन को आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसे लेकर चीनी विदेश मंत्रालय ने हैरानी व्यक्त की है। इस मीटिंग के बाद रविवार को भारत ने बयान जारी कर कहा कि इंडो-प्रशांत क्षेत्र में पारस्परिक हित पर फोकस किया गया।
भारत के अनुसार, दुनिया में बड़े स्तर पर इंडो-प्रशांत क्षेत्र में खुले, समृद्ध और सभी देशों को साथ लेते हुए लंबे समय के लिए आपसी हित पर फोकस किया गया। मीटिंग में चारों देशों के प्रतिनिधियों ने आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करने और आपसी कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर दिया।
अमेरिका ने बयान जारी कर कहा कि मीटिंग में सामान्य लक्ष्यों तक पहुंचने, आपसी चुनौतियों का सामना करने पर इस मीटिंग में फोकस किया गया, जिसमें नौपरिवहन और वायु शामिल है। अमेरिका ने कहा कि इस मीटिंग में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हुए विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने पर फोकस किया गया।
इस मीटिंग पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि समय और दुनिया की प्रवत्ति के अनुरूप यह पता चलना चाहिए कि यह एशिया-पैसिफिक है या इंडो पैसिफिक। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कि क्षेत्रीय सहयोग देशों को राजनीतिकरण और बाहरी देशों से दूर रखा जाना चाहिए।
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