पेशावर अटैक: 20 को मौत के घाट उतारकर तालिबान ने कहा- बदला लेने की हुई शुरुआत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी ने एक दिन पहले चुनावी रैलियों में हिंसा और नेताओं पर आतंकी हमलों की आशंकाओं को लेकर गृह मंत्रालय को आगाह किया था और उसके 24 घंटे बाद ही आतंकियों ने पेशावर में एक चुनावी रैली को निशाना बनाते हुए 20 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। पाकिस्तान की आवामी नेशनल पार्टी (ANP) की चुनावी रैली में बुधवार को हुए भयानक आत्मघाती हमले में 60 ज्यादा लोग भी बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है।
पाकिस्तान में सक्रिया तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान आतंकी संगठन ने पेशावर आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि 'बदला लेने की शुरुआत है।' इस हमले में आवामी नेशनल पार्टी के नेता हारून बिलौर की भी मौत हुई है, जो पेशावर के पीके-78 संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले थे। उनके साथ इस हमले में ANP के 13 अन्य समर्थकों की मौत हुई है। पाकिस्तान में ANP लगातार आतंकियों के निशाने पर रही है, इससे पहले 2012 में ANP नेता बशीर अहमद बिलौर का बेटा भी आतंकी हमलों में मारा गया था।
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पेशावर अटैक के बाद एक पाकिस्तानी रिपोर्टर ने ट्वीट करते हुए कहा कि TTP के प्रवक्ता ने पेशावर सुसाइड अटैक की जिम्मेदारी ली है। TTP ने कहा कि उन्होंने पिछली सरकार ANP का बदला लिया है। सुसाइड अटैक को अंजाम देने वाले आतंकी का नाम मुजाहिद अब्दुल करीम बताया जा रहा है।
उधर पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इस घटना के बाद पेशावर के पीके-78 संसदीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव की तारीख को टाल दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि पीके-78 वोटिंग के लिए जल्द नई तारीख की घोषणा की जाएगी।
बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पंख्तुख्वा क्षेत्र में आवामी नेशनल पार्टी का दबदबा है और 2008 से 2013 तक उनकी सरकार भी रह चुकी है। पाकिस्तान में ANP शुरू से ही आतंकियों के खिलाफ रही है और यहां तक कि 2009 में स्वाट घाटी में सेना की कार्रवाई का भी समर्थन किया था। पाकिस्तान में ANP के कई नेता और समर्थक आतंकियों द्वारा मारे जा चुके हैं। यहां तक कि हारून बिलौर के पिता भी 2009 आतंकी हमले में अपनी जान गंवा चुके हैं।
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