पेरू में स्वास्थ्य मंत्री के बाद वैक्सीन स्कैंडल में फंसी विदेश मंत्री का भी इस्तीफा, रडार पर 2000 अधिकारी
पेरू में वैक्सीन स्कैंडल का आरोप झेल रहीं विदेश मंत्री एलिजाबेथ एस्तेते को इस्तीफा सौंपना पड़ा है। इससे पहले पेरू के स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया था।
लीमा: पेरू में वैक्सीन स्कैंडल का आरोप झेल रहीं विदेश मंत्री एलिजाबेथ एस्तेते (Elizabeth Astete) को आखिरकार अपना पद छोड़ना पड़ गया। एलिजाबेथ एस्तेते को गुप्त तरीके से सरकारी अधिकारियों को टीका लगवाने के आरोप में लोगों के जबरदस्त आक्रोश के बाद इस्तीफा देना पड़ा है।
जनता से पहले अधिकारियों को टीका
पेरू की राष्ट्रपति फ्रांसिस्को सगास्ती ने देश में लोगों के आक्रोश के बीच विदेश मंत्री एलिजाबेथ एस्सेट के इस्तीफे की पुष्टि कर दी है। राष्ट्रपति फ्रांसिस्को सगास्ती ने टीवी चैनल 'अमेरिका' को दिए अपने बयान में कहा है कि विदेश मंत्री एलिजाबेथ एस्टेट के खिलाफ लोगों का गुस्सा और आक्रोश दिखाना जायज है, क्योंकि इससे कोविड-19 के खिलाफ पहली पंक्ति में काम कर रहे पेरू के कई लोगों के कोशिशों को गहरा धक्का लगा है।
दरअसल, यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ है जब गुरुवार को पेरू के पूर्व राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा ने एक खबर की पुष्टि करते हुए खुलासा कर दिया था कि उन्हें और उनकी पत्नी को चीन की दवा कंपनी सिनोफार्म से पहले ही टीका लगवा दिया गया है। उन्होंने खुलासा किया कि पिछले साल अक्टूबर महीने में ही गुप्त तरीके से उन्हें कोविड-19 का टीका लगा दिया गया था। पूर्व राष्ट्रपति के इस खुलासे के बाद पेरू में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था। लोगों के गुस्से की वजह से ही पेरू के स्वास्थ्य मंत्री पिलर माटेजी ने शुक्रवार को इस्तीफा देना पड़ा था। पेरू के सांसदों ने स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया था कि उन्होंने देश के साथ इतनी बड़ी जानकारी को छिपाया है, लिहाजा उन्हें पद पर रहने का अधिकार नहीं है।
2000 अधिकारियों के होंगे इस्तीफे
पेरू
की
राष्ट्रपति
फ्रांसिस्को
सगास्ती
ने
ट्विटर
पर
बताया
कि
विजकारा
प्रशासन
के
दौरान
सिनोफार्म
से
टीके
की
अतिरिक्त
2000
खुराक
मिली
थी,
जिसे
देश
के
कुछ
वरिष्ठ
अधिकारियों
को
गुप्त
तरीके
से
लगाया
गया
था।
जिसके
बाद
अब
देश
के
नये
स्वास्थ
मंत्री
ने
कहा
है
कि
राष्ट्रपति
सहास्ती
ने
उन
सभी
अधिकारियों
से
इस्तीफा
मांग
लिया
है,
जिन्होंने
गुप्त
तरीके
से
चीनी
टीका
लगवाया
था।
उन
अधिकारियों
की
पहचाने
के
लिए
राष्ट्रपति
ने
जांच
के
भी
आदेश
दे
दिए
हैं।
इस्तीफा
सौंपने
के
बाद
एलिजाबेथ
एस्तेते
ने
एक
पत्र
के
जरिए
कहा
कि
'मुझे
मेरी
गलती
का
अहसास
है
और
मैंने
22
जनवरी
को
टीके
की
पहली
खुराक
ली
थी
लेकिन
मैंने
दूसरा
खुराक
नहीं
लेने
का
फैसला
किया
है'।
पेरू
में
वैक्सीनेशन
का
काम
जनवरी
से
शुरू
हुआ
है
लेकिन
कीमत
का
अभी
तक
खुलासा
नहीं
किया
गया
है।
पेरू
में
डॉक्टरों
के
साथ
नर्सों
ने
भी
काफी
विरोध
प्रदर्शन
किया
था
क्योंकि
उन्हें
सिनोफार्म
के
टीके
के
जरिए
होने
वाले
वैक्सीनेशन
की
पहली
सूची
में
शामिल
नहीं
किया
गया
था।