नेपाल: नए नक्शे का किया विरोध तो सांसद सरिता गिरि को पार्टी ने किया निष्कासित
काठमांडू। नेपाल में भारतीय इलाकों को शामिल करने वाले नक्शे का विरोध करने वाली एकमात्र सांसद सरिता गिरी को जनता समाजवादी पार्टी ने पार्टी से निकाल दिया है। सरिता ने पार्टी विप का उल्लंघन करते हुए संसद में नक्शे को पारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया था और एक दूसरा प्रस्ताव पेश कर इसे खारिज करने की मांग की थी। पार्टी महासचिव राम सहाय प्रसाद यादव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स ने मंगलवार को सिफारिश की कि गिरि को संसदीय सीट और पार्टी की सामान्य सदस्यता से हटा दिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल की जनता समाज पार्टी ने सरकार के दूसरे संशोधन के खिलाफ संसद के संसदीय क्षेत्र में पंजीकृत अपने संशोधन को वापस लेने के लिए पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए सरिता गिरि को पद से हटाने का फैसला किया है। टास्क फोर्स के सदस्य मोहम्मद इस्तियाक ने बताया कि गिरी को पार्टी और सांसद के पद से हटाने की सिफारिश की गई क्योंकि उन्होंने पार्टी संसदीय दल के निर्देशों का पालन नहीं किया।
नेपाल के राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शे में संवैधानिक संशोधन के लिए सदन में प्रस्ताव दिया गया था जिसे 18 जून को पारित कर दिया गया था। सरिता की पार्टी नए नक्शे के समर्थन में थी जबकि गिरि ने अलग से प्रस्ताव दिया था कि पुराने नक्शे को ही मान्य रखा जाए। गिरी ने बिल पर एक संशोधन प्रस्ताव भी दर्ज किया था। हालांकि पार्टी के मुख्य सचेतक उमा शंकर अरगरिया ने गिरि को संशोधन प्रस्ताव वापस लेने का निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने इसका अनुपालन नहीं किया। इसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है।
इसके बाद सरिता गिरी को काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं उनके इस प्रस्ताव के बाद उनके घर पर कुछ लोगों ने हमला किया और धमकियां दी गईं। नए नक्शे का विरोध करने वाली समाजबादी पार्टी की सांसद सरिता गिरी को 'भारत की चेली' कहा गया। बता दें कि, 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से धाराचूला तक बनाई गई सड़क का उद्घाटन किया था। इसके बाद नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए विरोध किया था। 18 मई को नेपाल ने नया नक्शा जारी किया। इसमें भारत के तीन इलाके लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताया।
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