पेंटागन ने कहा भारत को मालूम है कि अंतरिक्ष से उन पर मंडरा रहा खतरा, इसलिए हुआ ASAT टेस्ट
वॉशिंगटन। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने एक बार फिर भारत की ओर से 27 मार्च को हुए एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (एसैट) टेस्ट का समर्थन किया है। पेंटागन ने कहा है कि भारत, अंतरिक्ष की वजह से मौजूद खतरों से वाकिफ है। इसके साथ ही अमेरिकी रक्षा विभाग ने एसैट मिसाइल का बचाव किया है। पेंटागन ने पिछले दिनों भी एसैट को लेकर एक बयान जारी किया था। डीआरडीओ की मदद से डेवलप एंटी-सैटेलाइट मिसाइल ने लो अर्थ ऑर्बिट (लियो) में 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सैटेलाइट को मार गिराया था। इस टेस्ट के बाद भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद एसैट की क्षमता से लैस देशों की श्रेणी में चौथा देश बन गया है।
आखिर क्यों करना पड़ा भारत को ऐसा टेस्ट
अमेरिका के स्ट्रैटेजिक कमांड कमांडर जनरल जॉन ई हाइटेन ने गुरुवार को सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी को एसैट परीक्षण के बारे में जानकारी दी। हाइटेन ने कहा, 'भारत के एसैट परीक्षण से जो पहला सबक मिला है वह इतना है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया और इसका जवाब मैं कमेटी के सभी सदस्यों को बस यह कहकर देना चाहता हूं कि भारत ने एसैट का परीक्षण इसलिए किया क्योंकि वे अंतरिक्ष से अपने देश पर मंडराते खतरों को जानते हैं।' हाइटेन ने आगे कहा कि इस वजह से भारत को लगा कि उसके पास ऐसी क्षमता हो जो अंतरिक्ष में भी उनकी सुरक्षा कर सकती हो।
सीनेट ने हाइटेन से पूछा था सवाल
हाइटेन ने सीनेट कमेटी में मौजूद सीनेटर्स की ओर से पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जब उन्होंने यह बात कही। हाइटेन से सीनेट ने पूछा था कि आखिर ऐसी क्या जरूरत थी जिसके बाद भारत को इस तरह की मिसाइल का टेस्ट करने की जरूरत पड़ गई और इसका मलबा अंतरिक्ष में मौजूद है। नासा के मुखिया जिम ब्राइडेनस्टाइन ने सोमवार को कहा था कि पिछले दिनों भारत ने एंटी-सैटेलाइट वेपन यानी एसैट मिसाइल का जो परीक्षण किया है उसकी वजह से अंतरिक्ष में मलबे के 400 टुकड़े पैदा हो गए हैं।
नासा ने बताया था खतरनाक स्थिति
नासा की मानें तो यह एक खतरनाक स्थिति है और इसकी वजह से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भी नए खतरे पैदा हो गए हैं। हालांकि पेंटागन के कमांडर ने कहा अंतरिक्ष में भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक तय बर्ताव को अपनाने की जरूरत है। सीनेटर टिम काइने ने इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि भारत के एसैट परीक्षण के बाद अंतरिक्ष में मलबे के 400 टुकड़े पैदा हो गए हैं और इनमें से 24 टुकड़ों का आकार ऐसा है कि उससे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में खतरा उत्पन्न हो गया है।
चीन के टेस्ट का भी जिक्र
टिम ने इस दौरान चीन के साल 2007 में एसैट परीक्षण का जिक्र भी किया जिसकी वजह से अंतरिक्षा में 100,000 टुकड़ों के तौर पर सैटेलाइट के अवशेष इकट्ठा हो गए थे। इनमें से 3000 आज भी अंतरिक्ष में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि साल 2009 में अमेरिकी सैटेलाइट और सोवियत दौर का सैटलाइट आपस में टकरा गए थे।काइने ने कहा कि भारत एक साथी देश है लेकिन हमारे पर्यावरण के लिए भी कुछ नियम होने चाहिए और हमें इन नियमों को आगे बढ़ाना चाहिए।