फ्रांस में अब भी अवैध रूप से रह रहे हैं 183 पाकिस्तानी, पूर्व ISI चीफ की बहन भी शामिल
फ्रांस में अब भी अवैध रूप से रह रहे हैं 183 पाकिस्तानी, पूर्व ISI चीफ की बहन भी शामिल
पेरिस: पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास (Pakistan Consulate General) ने फ्रांस की सरकार और अधिकारियों (French authorities) से अनुरोध किया है कि वे पूर्व ISI चीफ और लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा (Lt General Ahmad Shuja Pasha) की बहन को अस्थायी निवासी के रूप में फ्रांस में रहने की अनुमति दें। पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने बताया है कि अहमद शुजा पाशा की बहन फ्रांस में अपनी बीमार सास की देखभाल करने गई हैं। वहीं फ्रांस के अधिकारियों ने पाकिस्तान के 183 आगंतुक वीजा को खारिज कर दिया है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने ट्विटर पर लिखा है, हमें दिए गए निर्वासितों की लिस्ट को क्रॉस-चेक करने के बाद, हमने पाया कि फ्रांस में लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा की बहन हैं, हमने फ्रेंच अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वह अपनी मर्जी से शुजा पाशा की बहन को अस्थायी प्रवास प्रदान करें, वह वहां अपमी बीमार सास को देखने गई हैं।
फ्रांस ने 183 पाक नागरिकों के विजिटर वीजा को किया रद्द
उन्होंने आगे यह भी बताया कि फ्रांस के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री इमरान खान की फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की टिप्पणी के बाद 183 आगंतुक वीजा को खारिज कर दिया है। (rejected 183 visitor visas) उन्होंने कहा है कि फ्रांस ने जो हमारे नागरिकों को 183 विजिटर वीजा दिया था, उसे पीएम इमरान खान के बयान के बाद (Imran Khan's remarks on Emmanuel Macron) फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है।
पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा है, "हमारे नागरिकों को प्रदान किए गए 183 विजिटर वीजा को पीएम इमरान खान द्वारा आलोचना के बाद फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है। उचित दस्तावेजों के साथ 118 नागरिकों को बलपूर्वक निर्वासित किया गया था। हम वर्तमान में अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से रहने के लिए फ्रेंच प्राधिकरण के संपर्क में हैं।
जानें इमरान खान ने इमैनुएल मैक्रों को लेकर क्या कहा?
पिछले महीने अक्टूबर शुरुआत में फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक इतिहास के शिक्षक की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हिस्ट्री टीचर ने क्लास में शार्ली एब्दो में छपे पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को दिखाया था।
इस घटना फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। असल में इन दिनों मैक्रों कई मुस्लिम देशों की कड़ी आलोचना का सामना कर रहे हैं। मैक्रों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ कड़े रुख के साथ पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का बचाव किया था।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इमैनुएल मैक्रों पर "इस्लाम पर हमला" करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इमैनुएल मैक्रों इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का रास्ता चुन लिया है, तभी तो वह आंतकवादियों पर हमला करने की बजाय इस्लाम पर हमला कर रहे हैं। आतंकवादी चाहे मुसलमान हो, श्वेत वर्चस्ववादी या नाजी विचारक, वो आतंकवादी होता है।