इमरान खान के 'नए पाकिस्तान' में आतंकी हाफिज सईद ने लाहौर में खोला पत्रकारिता स्कूल
इस्लामाबाद। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद ने लाहौर में एक पत्रकारिता स्कूल खोला हुआ है। आतंकवादी समूह जमात-उद-दावा ने लाहौर शहर में खोले गए इस स्कूल का नाम इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजी एंड कम्युनिकेशन (ISAC) रखा है। जिसमें रिपोर्टिंग, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, ब्लॉगिंग, सोशल मीडिया प्रभाव, लघु फिल्म और डॉक्यूमेंट्री निर्माण में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कोर्स करा रहा है।
शॉर्ट टर्म कोर्स के लिए 3000 की फीस
संस्थान की ओर से जारी किए गए ब्रोशर के अनुसार एक सप्तार के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स के लिए 3000 रुपए की फीस निर्धारित की गई है। बताया जा रहा है कि इस संस्थान हाफिज सईद के कम से कम दो करीबी सहयोगी भी है। सैफुल्ला खालिद, जो हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (MIM) का अध्यक्ष है। जबकि दूसरा हाफिज अब्दुल रउफ है जो कि हाफिज सईद की ओर से संचालित लश्कर-ए-तैयबा की शाखाफलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (FIF) का प्रमुख है।
एक वीडियो भी किया है जारी
जबकि JuD और FIF वैश्विक रूप से नामित आतंकवादी संगठन हैं। पिछले साल FIF को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को फंडिंग के कारण अंतरराष्ट्रीय निगरानी प्रणाली के तहत एक निगरानी सूची में रखा गया था। इसके अलावा जमात-उद-दावा FIF का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैय्यबा की के लिए पैसा इकट्ठा करने का काम करता है। स्कूल को लेकर ISAC की ओर से एक वीडियो भी जारी किया है जिसमें एमआईएम के अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद कहते हुए नजर आ रहा है कि मीडिया एक नया युद्ध हथियार है, हमारे दुश्मन मीडिया को अपने लाभ के लिए उपयोग कर रहे हैं। नए युग में मीडिया का उपयोग करके जीत हासिल की जा सकती है। वीडियो में हाफिज अब्दुल रऊफ भी नजर आ रहा है जिसने कहा है कि कैमरा और पेन पांचवीं पीढ़ी के युद्ध में सबसे मजबूत उपकरण है जो यहां सिखाया जा रहा है।
इससे पहले गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने तीन लाइन का बयान जारी कर कहा है हम बिना किसी जांच के हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ने के भारतीय मीडिया और सरकार के किसी भी आरोप को खारिज करते हैं। आपको बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा विश्व एकजुट हो गया है। वहीं अमेरिका ने उन देशों को आगाह किया है जो अपने यहां आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह दिए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित इस्लामिक आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।