पाकिस्तानी विदेश मंत्री- दोनों देशों के फ़ासले मिटाने का रास्ता जंग नहीं
भारत सरकार ने पंजाब के गुरदासपुर में मौजूद डेरा बाबा नानक से भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण के फ़ैसले पर मुहर लगाई थी.
करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बारे में कैबिनेट के फ़ैसले की जानकारी वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक बयान जारी कर दी थी.
22 नवंबर को भारत सरकार ने डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक कॉरिडोर बनाने की घोषणा की ताकि सिख श्रद्धालु गुरु नानक की कर्मस्थली पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारे के दर्शन कर सकें.
इसके ज़रिए दोनों देशों के श्रद्धालु बिना किसी वीज़ा के अंतरराष्ट्रीय सीमा में आ-जा सकेंगे.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने करतारपुर कॉरिडोर के बनाने पर बीबीसी संवाददाता सिंकदर किरमानी से बातचीत की, जिसमें उन्होंने कई अहम जानकारी दी.
शाह महमूद क़ुरैशी ने बताया, ''दोनों देशों के बीच कई मसले हैं लेकिन उनका हल जंग नहीं. पाकिस्तान ने हमेशा अमन में, शांति की ख़्वाहिश ज़ाहिर की है.''
''फ़ासले मिटाने के लिए एक साथ मिलना-बैठना होता है और फ़ासलों को कम किया जाता है. और करतारपुर कॉरिडोर उन्हीं फ़ासलों को कम करने का एक उपाय है.''
उन्होंने अपनी बातचीत में ये भी बताया कि पहले लोग वाघा बोर्डर के ज़रिये 400 किमी. दूरी का सफ़र तय करते थें, जिसे अब चार किमी. किया जा रहा है.
बुधवार (28 नवंबर) को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान सरहद पर कॉरिडोर की नींव रखेंगे.
करतारपुर साहिब पाकिस्तान में आता है लेकिन भारत से इसकी दूरी महज़ साढ़े चार किमी. है.
मान्यताओं के मुताबिक़, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक 1522 में करतारपुर आए थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आख़िरी 18 साल यहीं गुज़ारे थे.
इसके साथ ही माना जाता है कि 16वीं शताब्दी में करतारपुर में जिस जगह गुरु नानक देव की मौत हुई थी वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था.
1947 में आज़ादी के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तीन लड़ाई हो चुकी है. दोनों देशों के बीच के रिश्ते में हमेशा से तनाव रहे हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बीबीसी को बताया कि कॉरिडोर के निर्माण पर उनकी सरकार ने दोनों देश के बीच शांति और सद्भावना की शुरुआत की है.
वे कहते हैं, ''हमारी सरकार का काम ही तब्दीली करना है, जो अनेकता में एकता में विश्वास करती है. इस फ़सैले के बाद देश में ईद मनाई जा रही है.''
तहरीके-ए-इंसाफ़ की जीत के बाद जुलाई में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था, "अगर भारत एक क़दम बढ़ायेगा तो हम दो क़दम."
दोनों देश कॉरिडोर के निर्माण के लिए अपनी तरफ़ के हिस्से को पूरा करेंगे.
क़ुरैशी ने बताया कि यहां आने के लिए किसी भी तरह का वीज़ा नहीं लगेगा. लोग अपना नाम रजिस्टर करवायेंगे और कुछ फ़ीस अदायगी के बाद दर्शन किये जा सकेंगे.
''अगर तादाद बढ़ेगी तो इसके साथ बाज़ार, होटल भी बनेंगे जिससे कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी. इज़ाफ़ा ही इज़ाफा होगा.''
भारत सरकार ने पंजाब के गुरदासपुर में मौजूद डेरा बाबा नानक से भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण के फ़ैसले पर मुहर लगाई थी.
करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बारे में कैबिनेट के फ़ैसले की जानकारी वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक बयान जारी कर दी थी.
उन्होंने बताया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में एक कमिटी बनी थी, जिसके सुझाव पर ये फ़ैसला लिया गया है.
इसके कुछ घंटों के भीतर ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि वो बाबा गुरु नानक के 550 प्रकाश पर्व पर पहले ही कॉरिडोर बनाने की घोषणा कर चुके हैं.