'भारत ने पानी रोका तो पाकिस्तान देगा जवाब'
पाकिस्तान ने भारत की ओर से पानी रोकने की चेतावनी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने कहा है कि समझौते के तहत तीन नदियों के पानी पर उसका 'ख़ास अधिकार है' और पानी रोकने की कोई भी कोशिश 'उकसावे की कार्रवाई' मानी जाएगी और पाकिस्तान के पास इसका 'जवाब देने का अधिकार होगा'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में भारत से पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने की बात कही थी.
पाकिस्तान ने भारत की ओर से पानी रोकने की चेतावनी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा है कि समझौते के तहत तीन नदियों के पानी पर उसका 'ख़ास अधिकार है' और पानी रोकने की कोई भी कोशिश 'उकसावे की कार्रवाई' मानी जाएगी और पाकिस्तान के पास इसका 'जवाब देने का अधिकार होगा'.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में हरियाणा की एक चुनावी रैली में भारत से पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने की बात कही थी.
'मानवाधिकार का सम्मान नहीं करती मोदी सरकार'
मोदी ने कहा था, "हिंदुस्तान के किसानों के हक़ का पानी, हरियाणा के किसानों के हक़ का पानी 70 सालों तक पाकिस्तान जाता रहा. ये मोदी पानी को रोकेगा, आपके घर तक लाएगा. "
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डा. मोहम्मद फ़ैसल ने प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान का ज़िक्र करते हुए कहा, "सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान के पास तीन पश्चिमी नदियों के पानी पर ख़ास अधिकार है."
उन्होंने आगे कहा, ''भारतीय नेतृत्व की ओर से ऐसा बयान आना इस तथ्य का एक और स्पष्ट उदाहरण है कि मोदी सरकार भारत को एक ग़ैरज़िम्मेदार आक्रामक राज्य बनाने पर तुली है जिसका मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय वादों को लेकर कोई सम्मान नहीं है."
शांति के लिए ख़तरा
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे बयानों से दुनिया की आंखे खुल जानी चाहिए. दुनिया को ये समझना चाहिए कि मोदी की 'अतिवादी सरकार दक्षिण एशिया और दुनिया की शांति के लिए साफ़ तौर पर ख़तरा है.'
मोहम्मद फ़ैसल ने भारत प्रशासित कश्मीर को लेकर भी सवाल उठाए और दावा किया कि 'भारत प्रशासित कश्मीर के अस्सी लाख लोग बाक़ी दुनिया से कटे हुए हैं.'
उन्होंने ये भी दावा किया कि भारत इस मामले में अलग-थलग पड़ गया है.
मोहम्मद फ़ैसल ने कहा, "भारत कोने में जा चुका है. उनके विपक्ष के नेता, उनकी सिविल सोसायटी कह रहे हैं कि उनकी सरकार के ग़लत क़दम की उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितनी भारी क़ीमत अदा करनी पड़ रही है. अंतरराष्ट्रीय नेता कह रहे हैं कि इस मसले का हल होना चाहिए."
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अयोध्या विवाद पर पूछे गए सवाल पर भी जवाब दिया और कहा कि ये एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है और "जो मुसलमानों की वहां ख्वाहिशात हैं, उनकी मांगों के मुताबिक़ हम चाहेंगे कि फ़ैसला हो."