पाकिस्तान SC का फैसला- फांसी के बाद मुशर्रफ को तीन दिनों तक फंदे पर लटकाए रखो, लाश को घसीटते हुए D-चौक तक लाया जाए
नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में मौत की सजा सुनाए जाने वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बृहस्पतिवार को अपना विस्तृत फैसला जारी कर दिया। इसके अनुसार इस पीठ के न्यायमूति शाहिद करीम ने मुशर्रफ के खिलाफ कठोर फैसला सुनाया है। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि मुशर्रफ को डी चौक पर खींचकर खुलेआम फांसी दी जानी चाहिए। मरने के बाद मुशर्रफ की लाश को घसीट कर इस्लामाबाद के डेमोक्रेसी चौक तक लाया जाना चाहिए। इतना ही उनके मृतक शरीर को तीन दिनों तक फांसी पर ही टंगा रहना चाहिए।
आपको बता दें कि डेमोक्रेसी चौक को डी-चौक भी कहा जाता है, जो पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री दफ्तर, संसद और सुप्रीम कोर्ट के नजदीक ही है। विशेषकों का मानना है कि पाक सुप्रीम कोर्ट ने वहाँ की फौज को नीचा दिखाने के लिए ऐसा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व पाक सेनाध्यक्ष जनरल मुशर्रफ को भगोड़ा बताते हुए कहा कि उसे सज़ा देना मुश्किल है क्योंकि वो भी काफ़ी ताक़तवर है। 167 पेज के फ़ैसले को कोर्ट ने लिखा है कि मुशर्रफ ने हमेशा अपनी बीमारी और सुरक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।
पाक सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फौज के जिन लोगों ने मुशर्रफ को बचाने का प्रयास किया, वो सब भी इस मामले में बराबर के दोषी हैं। कोर्ट ने कहा कि यूनिफार्म और बूट पहने कुछ लोगों ने हमेशा मुशर्रफ का बचाव किया है। कोर्ट ने पाकिस्तानी एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा कि वो सज़ा की तामील के लिए मुशर्रफ को किसी तरह धर-दबोचें। पाकिस्तान की फौज इसीलिए भी सदमे में है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब वहाँ के किसी सेनाध्यक्ष को फाँसी की सज़ा सुनाई गई है। पाक सेना के प्रवक्ता आशिफ गफूर पहले ही कह चुके हैं कि मुशर्रफ को मिली सज़ा को लेकर फौज में गम का माहौल है।