पाकिस्तान की हरकतों से भड़का चीन, रोका रोड प्रोजेक्ट्स में अरबों का फंड
खबर है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC)के तहत बन रहे तीन बड़े रोड प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार के जानकारी मिलने के बाद से चीन आगबबूला है।
नई दिल्ली। चीन-पाकिस्तान यूं तो आए दिन दोस्ती की कसमें खते ही रहते हैं, लेकिन असल में दोनों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। खबर है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC)के तहत बन रहे तीन बड़े रोड प्रोजेक्ट्स में भ्रष्टाचार के जानकारी मिलने के बाद से चीन आगबबूला है। पाकिस्तान के ही अखबार डॉन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने CPEC के तहत बनाए जा रहे तीन प्रोजेक्ट्स का फंड रोक दिया है। रिपोर्ट यह भी लिखा गया है कि चीन के इस बर्ताव से पाकिस्तान सरकार के अधिकारी हैरान हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ये सब क्या हो रहा है।
चीन ने पाकिस्तान को दिया जोर का झटका
चीन सरकार की ओर से फंड पर रोक लगाए जाने से पाकिस्तान नेशनल हाई-वे अथॉरिटी (NHA) के अरबों डॉलर की सड़क परियोजनाओं को झटका लगेगा। पाकिस्तान के एक सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अब नई गाइडलाइंस जारी करेगा, जिसके बाद फंड रिलीज किया जाएगा।
पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी
चीन की ओर से फंड रोके जाने की वजह से जिन सड़क परियोजनाओं पर असर पड़ेगा, उनमें 210 किलोमीटर लंबा डेरा इस्माइल खान-झोब रोड भी शामिल है, जिस पर 81 अरब रुपये की लागत आने क अनुमान है। खुजदार-बसिमा रोड पर करीब 20 अरब रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इसके अलावा तीसरी सड़क परियोजना है- रायकोट से थाकोट के बीच काराकोरम हाई-वे। इसे बनाने में 8.5 अरब रुपये की लागत आ सकती है।
क्या है CPEC
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) बलूचिस्तान प्रांत से होकर गुजरेगा, जहां दशकों से लगातार अलगाववादी आंदोलन चल रहा है। इसके साथ-साथ गिलगिट-बल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका भी शामिल है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि दो हिस्सों में बनने वाले इस प्रोजक्ट के जरिए उन्हें वित्तीय विकास और ऊर्जा उत्पादन में सहायता मिलेगी। वास्तव में इस कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान में 35 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट होगा, इनमें कोयला और एलएनजी आधारित थर्मल ऊर्जा प्रोजक्ट शामिल हैं। चीन को उम्मीद है कि इस कॉरिडोर के जरिए वह अपनी ऊर्जा को तेजी से फारस की खाड़ी तक पहुंचा सकता है। कॉरिडोर के जरिए पश्चिमी चीन में वित्तीय विस्तार करने में मदद मिल सकती है।