पाकिस्तान: कोर्ट ने धर्म परिवर्तन करा जबरन शादी करने वाले 44 साल के शख्स को ही सौंप दी 13 साल की ईसाई लड़की
पाकिस्तान: कोर्ट ने अपहरण करने वाले को ही सौंप दी 13 साल की ईसाई लड़की
नई दिल्ली। पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट ने 13 साल की ईसाई लड़की का अपहरण कर उससे जबरन शादी करने के आरोपी को ही उसका पति करार देते दिया है और लड़की को उसी के साथ जाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने लड़की की उम्र और शादी को लेकर दाखिल एक सर्टिफिकेट पर ये फैसला दिया है, जिसमें उसकी उम्र 18 साल दिखाई गई है। शादी का जो सर्टिफिकेट अदालत में दिया गया है, उस पर लड़की की उम्र 18 साल दिखाई गई है। वहीं लड़की के परिवार ने कहा है कि ये सर्टिफिकेट फर्जी है, जिसमें लड़की की उम्र पांच साल ज्यादा दिखाई गई है। सिंध हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि विवाहित जोड़े को पुलिस सुरक्षा दे।
कराची से हुआ आरजू का अपहरण
कराची के रेलवे कॉलोनी में रहने वाली 13 साल की ईसाई लड़की आरजू का 13 अक्टूबर को अपहरण कर लिया गया था। पीड़ित परिवार ने 44 साल के अजहर अली पर अपहरण का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी और लड़की को वापस दिलाने की मांग की थी। ईसाईयों ने इसको लेकर लगातार प्रदर्शन किए हैं। परिवार का कहना है कि आरजू का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया और उसकी शादी 44 साल के अजहर से करा दी गई। अजहर ने मामले में लड़की की उम्र का सर्टिफिकेट दिया और कहा कि वो बालिग है और मर्जी से उसने शादी की है। मामला सिंध हाईकोर्ट में पहुंचा तो अजहर की ओर से पुलिस को दिए उम्र के इस सर्टिफिकेट को सही मानते हुए अदालत ने लड़की को अजहर के साथ ही भेज दिया।
बिलावल भुट्टो ने कही रिव्यू की बात
मामले को लेकर हैरत जताते हुए विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल भुट्टो ने कहा है कि वो कोर्ट से मामले को रिव्यू करने की अपील करेंगे। बिलावल भुट्टो के अलावा भी कई सामाजिक संगठनों ने मामले पर हैरत जताई है। अल्पसंख्यकों के लिए काम करने वाले संगठनों ने इसमें अदालत से चूक हो जाने की भी बात कही है।
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पत्रकार ने ट्वीट कर बताई सच्चाई
पाकिस्तान के पत्रकार बिलाल फारुकी ने ट्विटर पर परिवार की ओर से दिया गया लड़की का जन्म प्रमाण पत्र शेयर करे हुए कहा है कि इसमें साफतौर पर लड़की की उम्र 13 साल लिखी है लेकिन अदालत ने इसका ध्यान नहीं दिया और पहले से शादीशुदा अजहर को उसकी कस्टडी दे दी। लड़की के परिवार का कहना है कि अजहर का भाई पुलिस में है, जिसकी मदद से उसने ये गलत सर्टिफिकेट बनवा लिया और उसे ठीक भी साबित कर दिया।
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