अर्मेनिया के खिलाफ अजरबैजान में युद्ध लड़ रही है पाकिस्तान की सेना!
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने करीबी टर्की और यहां के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान की राह पर चल रहे हैं। अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच छिड़े युद्ध में पाकिस्तान सेना भी पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के सैनिक युद्ध में अजरबैजान की तरफ से लड़ रहे हैं। अर्मेनिया की मीडिया की तरफ से यह जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों नागोरनो-काराबख क्षेत्र पर कब्जे के लिए अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जंग जारी है।
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अजरबैजान में पाक सैनिक
अर्मेनिया की मीडिया की तरफ से टेलीफोन पर दो नागरिकों के बीच हुई वार्ता के हवाले से कहा है कि अजरबैजान की तरफ से पाकिस्तान के सैनिक भी जंग लड़ रहे हैं। अर्मेनिया की वेबसाइट FreeNews.AM के मुताबिक इस बातचीत के बाद से ही इस बात की जानकारी मिलती है कि अजरबैजान में पाकिस्तान की सेना मौजूद है। इस वेबसाइट ने उस बातचीत का ब्यौरा भी दिया है जो दो लोगों के बीच हुई है। यह बातचीत कुछ इस तरह से है, 'हम कैसे लिख सकते हैं? हमारे पास रकम नहीं है। हम ठीक हैं, परेशान मत हो। 7-8 गांव आजाद हो चुके हैं डरो मत।' आपको बता दें कि कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहे अर्मेनिया और अजरबैजान आखिरकार एक दूसरे से भिड़ गए हैं। इन दोनों देशों के बीच जंग शुरू हो चुकी है। पिछले कई दशकों से इन देशों के बीच नागोरनो-काराबख बॉर्डर के एक हिस्से को लेकर विवाद चल रहा था।
दो लोगों के बीच फोन पर चर्चा
इसके बाद एक और नागरिक ने जवाब दिया जो कुछ इस तरह से था, 'हां मुझे पता है। मैंने इंस्टाग्राम पर देखा कि फिजुली एगडाम दोनों ही कब्जे से आजाद हो चुके हैं। हमारी तरफ से कहा जा रहा है कि हमने म्राव पर्वत को भी कब्जे में कर लिया है।' इसके बाद दोनों के बीच इंटरनेट को लेकर बात हुई जो कि बंद पड़ा है। इस पर दूसरे नागरिक की तरफ से बताया गया कि सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है क्योंकि वहां बहुत सी घटनाएं हो रही हैं। लोग अर्मेनिया के साथ संपर्क कर रहे हैं और इस वजह से इसे बंद किया गया है। इसके बाद एक नागरिक पूछता है कि क्या अगले के क्षेत्र में फायरिंग हो रही है? इस पर वह जवाब देता है, 'अगडाम की तरफ हो रही है। उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को इकट्ठा किया और उन्हें लेकर अगडाम की तरफ से गए हैं।'
1991 में पाक ने अजरबैजान को दिया दर्जा
टर्की के अलावा पाकिस्तान दूसरा ऐसा देश है जिसने अजरबैजान को सन् 1991 में संप्रभु देश का दर्जा दिया था। पाकिस्तान और टर्की के बीच पिछले कुछ समय से रिश्ते मजबूत हुए हैं और टर्की अब खुलकर कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करने लगा है। माना जा रहा है कि टर्की ने जिस तरह से कश्मीर मसले पर पाकिस्तान का साथ दिया है, उसकी वजह से ही पाक मिलिट्री टर्की की मदद के लिए अर्मेनिया-अजरबैजान की जंग में कूद पड़ी है। टर्की, अर्मेनिया के नियंत्रण वाले कराबखा क्षेत्र में अजरबैजान के दावे का समर्थन कर रहा है।
टर्की के F-16 अजरबैजान में
राष्ट्रपति एर्डोगान ने अर्मेनिया की तरफ से हुए हमले का विरोध किया है। इन सबके बीच अर्मेनिया के राष्ट्रपति अर्मेन साराकिसीन ने इस बात की पुष्टि की है कि टर्की के सैनिक, सलाहकार और उनके एफ-16 फाइटर जेट्स भी इस क्षेत्र में मौजूद हैं। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से मुझे यह घोषणा करनी पड़ रही है कि नाटो का सदस्य टर्की पूरी तरह से अब अजरबैजान को अपने इलेक्ट्रॉनिक ड्रोन्स और साइबर अटैक के जरिए मदद कर रहा है।' रूस में अर्मेनिया के राजदूत ने भी कहा है कि टर्की ने अपने 4,000 लड़ाके सीरिया से अजरबैजान में लड़ने के लिए भेजे हैं। जबकि अजरबैजान ने इसे नकार दिया है।