पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा ने गुपचुप भेजा भारत के पास बातचीत का प्रस्ताव!
इस्लामाबाद। गिरती अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग पड़ने के बाद पाकिस्तान को भारत की याद आ रही है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में सरकार से ज्यादा ताकत रखने वाली आर्मी ने गुपचुप तरीके से भारत के पास बातचीत का प्रस्ताव भेजा। एक वेस्टर्न डिप्लोमेट और वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना की ओर से गुपचुप भेजे गए प्रस्ताव पर भारत ने कुछ खास उत्साह नहीं दिखाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान आम चुनाव से करीब एक महीने पहले सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की ओर से बातचीत का प्रस्ताव भारत के पास भेजा गया था। पाकिस्तान की सेना चाहती थी कि भारत के साथ कश्मीर रीजन में सीमा विवाद पर वार्ता जल्द शुरू की जाए। दोनों देशों के बीच 2015 से बातचीत बंद पड़ी है। ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से भेजे गए बातचीत के प्रस्ताव के पीछे मुख्य उद्देश्य ट्रेड को बढ़ावा देना था। यह बात बिल्कुल साफ है कि जब कश्मीर पर शांति वार्ता शुरू होगी तो संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले ट्रेड के लिए द्वार खोले जाने का फैसला लिया जाएगा।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तानी सेना देश की गिरती अर्थव्यवस्था को सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर देख रही है। पाकिस्तान इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) से 9 अरब डॉलर की मदद चाहता है। वह चीन से भी अरबों का कर्ज ले चुका है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि उनका मुल्क भारत समेत सभी पड़ोसियों से बेहतर संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि जनरल बाजवा का कहना है कि पाकिस्तान को कमजोर कर भारत भी फल-फूल नहीं सकता। दूसरी ओर पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा भी पिछले सेनाप्रमुखों की तुलना में
नरम पड़ते नजर आ रहे हैं। वह अपने भाषण में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को क्षेत्र की सुरक्षा से जोड़ने की बात कह चुके हैं। डिप्लोमेट्स की मानें तो पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और भारत के सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत के बीच अच्छे रिश्ते हैं। बाजवा और रावत कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना में एक साथ काम भी कर चुके हैं। बाजवा इससे पहले यह भी कह चुके हैं कि दोनों देशों के बीच विवाद सुलझाने का एकमात्र तरीका बातचीत है। पाकिस्तान में आर्मी चीफ भारत के संदर्भ में इस प्रकार के बयान देते नहीं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल बाजवा ने बिपिन रावत से संपर्क कर बातचीत पटरी पर लाने की कोशिश की थी, लेकिन प्रयास सफल नहीं हो सके। कूटनीति की भाषा में इस स्थिति को 'सिस्टम मिसमैच' कहा जाता है। मतलब भारत में लोकतांत्रिक सरकार है और पाकिस्तान में सारे फैसले सेना लेती है।