पाकिस्तान में 72 साल बाद खुला प्राचीन मंदिर, भारत से मंगाई जाएंगी मूर्तियां
नई दिल्ली। पाकिस्तान में 72 वर्ष पुराने मंदिर को एक बार फिर से खोला गया है। यह मंदिर पंजाब प्रांत के सियालकोट में स्थित है, जिसे शावाला तेजा सिंह टेंपल के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर को इस मंदिर को पाकिस्तान की आजादी के बाद दोबारा खोला गया है, जिसमे फिर से तमाम देवी देवातओं की मूर्तियों को लगाया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि मंदिर में मूर्तियों को भारत से ले जाकर लगाया जाएगा। तमाम श्रद्धालुओं ने 72 वर्ष के बाद इस मंदिर को हिंदी रीति-रिवाज के साथ खोला है।
भव्य कार्यक्रम का आयोजन
मंदिर को दोबारा खोले जाने के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान यहां पर पूजा-पाठ किया गया, साथ ही लोगों ने एक साथ मिलकर हर-हर महादेव का जयकारा लगाया। बता दें कि मंदिर को खोलने की पहल पाकिस्तान इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी ने की थी। मंदिर को दोबारा खोले जाने के मौके पर हिंदू सुधार सभा के अध्यक्ष अमरनाथ रंधावा, डॉक्टर मुनावर चंद और पंडित काशी मौजूद थे। इसके अलावा तमाम हिंदी नेता भी इस दौरान यहां पर मौजूद थे।
पाक सरकार के आदेश के बाद खुला मंदिर
श्राइन सचिव सैयद फराज अब्बास ने कहा कि कई वर्षों से हिंदू समुदाय के लोग इस मंदिर को खोले जाने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के निर्देश पर इस मंदिर को दोबारा खोला गया। मंदिर की मरम्मत का कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा और यहां पर फिर से मूर्तियों को लगाया जाएगा। अमरनाथ रंधावा ने मंदिर को दोबारा खोले जाने पर पाकिस्तान सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि हम काफी लंबे समय से इस मंदिर को खोले जाने की मांग कर रहे थे, ऐसे में मंदिर को खोले जाने का निर्देश दिया जाना हमारे लिए बड़ी खबर है।
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भारत से लाई जाएगी मूर्ति
रंधावा ने कहा कि लोगों को मंदिर में पूजा अर्चना करने किए अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं सूत्रों का कहना है कि मंदिर में मूर्तियों को भारत से लाया जाएगा और इसे मंदिर के भीतर स्थापित किया जाएगा बता दें कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर भी बना रहा है, जहां से लोग सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक के 550वें प्रकाश पर्व पर दर्शन के लिए आएंगे। इसके लिए सिख श्रद्धालुओं को मुफ्त में वीजा फ्री प्रवेश दिया जाएगा।