पाकिस्तान राष्ट्रपति चुनाव: PTI कैंडिडेट मार सकते हैं बाजी, जानिए कैसे होता है प्रेसिडेंट इलेक्शन
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में मंगलवार को राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले हैं, जिसमें एक बार फिर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) बाजी मार सकती है। पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव में पीटीआई, पीपीपी और विपक्ष के गठबंधन के बीच होने वाला है। तत्कालीन राष्ट्रपति ममनून हुसैन का कार्यकाल इसी माह खत्म होने वाला है और वे फिर से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है। सूत्रों की मानें तो पीटीआई कैंडिडेट आरिफ अल्वी राष्ट्रपति चुनाव में बाजी मार सकते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में त्रिकोणीय स्थिति
राष्ट्रपति चुनाव में पीटीआई के हराने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट दिखाई दे रहा है, लेकिन फिर भी वोटों का गणित इमरान खान की पार्टी को फेवर कर रहा है। पीटीआई के अल्वी राष्ट्रपति चुनाव में फ्रंटरनर के रूप में माने जा रहे हैं। पाकिस्तान में फिलहाल राष्ट्रपति चुनाव में त्रिकोणीय की स्थिति बनती दिख रहा है, जिसका फायद अल्वी को होता दिख रहा है। वहीं, पीपीपी अपने कैंडिडेट एतजाज अहसान दावेदारी को किनारे कर पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) और मुत्तहिदा मजलिस ए. अमाल, अवामी नेशनल पार्टी, पख्तूनवा मिल्ली अवामी पार्टी और नेशनल पार्टी ने जमीयत उलमा-ए-इस्लाम विपक्ष से हाथ मिलाने की अटकलें चली थी, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। हालांकि, पाकिस्तान डेली 'द डान' के अनुसार, पीपीपी इस मुद्दे पर नवाज शरीफ से मुलाकात कर सकती है।
क्या है वोटों का गणित
पीटीआई के पास फिलहाल 251 सदस्य है और उनके एलायंस को मिलाकर यह आंकड़ा 314 पहुंच जाता है। वहीं, पीएमएल-एन और पीपीपी को मिलाकर कुल 260 सदस्य हो रहे हैं, लेकिन अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो जाता है, तो यह आंकडा 321 तक पहुंच जाएगा, जहां पीटीआई को कुछ हद तक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह पूरा पीपीपी और पीएमएल-एन की सर्वसम्मति पर निर्भर करता है और अभी तक सुलह नहीं हो पाई।
कैसे होता है पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव
राष्ट्रपति का चुनाव देश की चारों प्रांतीय असेंबलियों (बलूचिस्तान, सिंध, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा) और पार्लियामेंट के दोनों सदनों के सदस्य मिलकर करते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान में राष्ट्रपति को चुना जाता है। पार्लियामेंट के सदस्य एक वोट देते हैं। जबकी प्रांतीय असेंबलियों के सदस्यों के वोट की गणना एक जटिल प्रक्रिया के जरिए की जाती है। सभी चारों प्रांतीय असेंबलियों को उनके आकार और जनसंख्या को अलग कर एकसमान वोट की व्यवस्था की गई है। पाकिस्तान में जिस असेंबली में जीतनी कम सीटें होगी, उनके हर सदस्य का एक वोट गिना जाएगा। वहीं, सबसे अधिक संख्या वाली असेंबली के एक वोट का छठवां हिस्सा गिना जाता है।
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