पाकिस्तान चुनाव: इन तीनों में से कोई एक होगा पड़ोसी मुल्क का अगला प्रधानमंत्री
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जनता अपना नया वजीर-ए-आजम चुनने बुधवार को वोटिंग के लिए बाहर निकलेगी। जहां एक तरफ इमरान खान अपनी अप्रत्याशित विजय को सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं, तो वहीं नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के बाद भी पाकिस्तान मुस्लिम-नवाज (पीएमएल-एन) अपनी जीत को लेकर उत्साहित लग रही है। इसके अलावा, किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है और गठबंधन त्रिकोणिय स्थिति बनती है, भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी किंगमेकर साबित हो सकती है। एक नजर डालते हैं, इन तीन उम्मीदवारों पर जिनमें से किसी एक का पाकिस्तान का प्रधानंमत्री बनना निश्चित है।
शहबाज शरीफ
पिछले साल नवाज शरीफ को पनामा पेपर केस में दोषी साबित कर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। उसके बाद इसी साल मार्च में नवाज के भाई शहबाज शरीफ को पीएमएल-एन के नया चीफ बनाया गया। शहबाज शरीफ भी अपने भाई नवाज शरीफ की तरह पाकिस्तान की राजनीति में मजबूत पकड़ रखते हैं। पंजाब प्रांत से तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शहबाज शरीफ अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शरीफ एंड कंपनी का शुरू से ही दबदबा रहा है। वहीं, नवाज से विपरित सेना के साथ शहबाज के रिश्तें भी अच्छे बताए जाते हैं। इस बार अगर फिर से नवाज की पार्टी को बहुमत मिलता है, तो शहबाज शरीफ पीएम पद का चेहरा बन सकते हैं।
इमरान खान
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ और पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान इस बार अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रहे हैं। वहीं, सर्वे के मुताबिक भी इमरान ही अब तक सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं। 2013 के आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी उभरकर सामने आई थी। इस बार इमरान खान पांच जगहों से चुनाव लड़ रहे हैं। पीटीआई का खैबर पंख्तुख्वा प्रांत पर जबरदस्त दबादबा है। इमरान खान कई बार पाकिस्तान की राजनीति में अमेरिका की दखलअंदाजी के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। इसके अलावा सेना भी इमरान खान के साथ दिखाई दे रही है।
बिलावल भुट्टो जरदारी
पाकिस्तान की सबसे पुरानी पार्टी में से एक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चीफ बिलवाल भुट्टो प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव में तीसरा सबसे बड़ा चेहरा है। बेनजीर भुट्टो के बेटे और ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई कर चुके बिलावल जब 19 साल के थे, तब उन्होंने पाकिस्तान की पॉलिटिक्स में कदम रखा था। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पीपीपी की अच्छी पकड़ है। पिछली बार सिंध प्रांत से कुल 61 में से 30 सीटों पर पीपीपी ने कब्जा किया था। हालांकि, पीपीपी कई भ्रष्टाचारों के आरोपों से जूझ रही है, खासकर आसिफ अली जरदारी के ऊपर लगे आरोपों ने पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है। सर्वे के मुताबिक, पीपीपी तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरेगी, लेकिन जनता जनार्दन क्या चुनेगी वो 25 जुलाई के बाद पता चलेगा।
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