Special Report: पाकिस्तान की निकली हेकड़ी, डेढ़ करोड़ लोगों की नौकरी बचाने घुटनों के बल आए इमरान खान
बात बात कर परमाणु बम निकालने वाले पाकिस्तान की सारी हेकड़ी निकल चुकी है और डेढ़ करोड़ लोगों के सिर पर बेरोजगार होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर पाकिस्तान को भारत से मदद नहीं मिली तो पाकिस्तान में लाखों लोगों की नौकरी चली ज
इस्लामाबाद/नई दिल्ली: बात बात कर परमाणु बम निकालने वाले पाकिस्तान की सारी हेकड़ी निकल चुकी है और डेढ़ करोड़ लोगों के सिर पर बेरोजगार होने का खतरा मंडरा रहा है। पाकिस्तान में पहले से ही बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है ऐसे में अगर डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग और बेरोजगार हो जाएगे तो पाकिस्तान में गृहयुद्ध छिड़ने के हालात बन जाएंगे साथ ही इमरान खान की सत्ता भी जाएगी। लिहाजा अपनी सरकार बचाने के लिए इमरान खान की सरकार भारत के सामने गिड़गिड़ाने और घुटने के बल बैठने को मजबूर हो गई है।
कॉटन के लिए घुटने के बल बैठा पाकिस्तान
बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इतना गुस्सा हुए कि उन्होंने भारत से तमाम व्यापार बंद कर दिए। हालांकि इससे भारत को कोई फर्क नहीं पड़ा मगर पाकिस्तान की हालात खराब हो चुकी है। पाकिस्तान एक बार फिर से भारत से रोड रूट के जरिए कपास आयात करना चाहता है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की सरकार भारत से कपास खरीदने को जल्द ही मंजूरी देने वाली है। बताया जा रहा है कि Loc पर दोनों देशों के बीच सीजफायर पर हुए नये समझौते के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संभावनाएं बहाल हो सकती हैं लेकिन पाकिस्तान जल्द से जल्द भारत के साथ अपने संबंध को सुधारना चाहता है ताकि देश में भुखमरी के हालात उत्पन्न ना हों।
वाणिज्य मंत्रालय के हवाले से पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने लिखा है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद ने वाणिज्य मंत्रालय से कपास आयात की मंजूरी देने के लिए बात की है और माना जा रहा है कि अगले सप्ताह से पाकिस्तान भारत से कपास और धागे की आयात कर सकता है। पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि कपास की कमी का मुद्दा पहले ही इमरान खान को बताया जा चुका है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के पास ही वाणिज्य मंत्रालय का भी प्रभार है। लिहाजा, इमरान खान के पास भारत से कपास खरीदने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। पाकिस्तानी अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एक बार सैद्धांतिक फैसला होने के बाद मंत्रिमंडल की आर्थिक संयोजन समिति के सामने औपचारिक आदेश रखा जाएगा। वहीं सूत्रों के मुताबिक इस बारे में आंतरिक चर्चा हो चुकी है और अंतिम फैसला इमरान खान को लेना है। वहीं, सूत्रों का ये भी कहना है कि इमरान खान के पास सहमति देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है क्योंकि इमरान खान जानते हैं कि पाकिस्तान इस समय कॉटन की कमी से जूझ रहा है और इमरान खान खुद पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री हैं लिहाजा सारी जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर है।
2003 में युद्धविराम समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 में युद्धविराम को लेकर समझौता हुआ था लेकिन इस समझौते पर आजतक सही मायनों में अमल नहीं किया गया। पाकिस्तान लगातार सीमा पार से आतंकियों को भारत भेजता रहा है और 14 फरवरी 2019 को पुलमावा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर 300 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था वहीं कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने के बाद पाकिस्तान बिफर गया था और उसने भारत से कई व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लिए थे।
इमरान खान की हेकड़ी क्यों निकली
2019/2020 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस कदर ताव में आये थे कि उन्होंने भारत से साथ हवाई और भूमि संपर्क को खत्म कर दिया था। वहीं, भारत-पाकिस्तान रेल मार्ग भी बंद करने का फैसला पाकिस्तान ने लिया था। लेकिन 2021 में इमरान खान वापस भारत के सामने लेट चुके हैं। पाकिस्तान को इस साल 12 मिलियन बेल्स कपास की जरूरत है। पाकिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ नेशनल फूड सिक्योरिटी का अनुमान है कि पाकिस्तान सिर्फ 7.7 मिलियन बेल्स का ही उत्पादन कर सकता है। लिहाजा 5.5 मिलियन बेल्स का आयात उसे किसी भी हाल में करना होगा और इतनी मात्रा में कपास पाकिस्तान को सिर्फ और सिर्फ भारत से ही मिल सकता है। कपास की कमी होने पर पाकिस्तान इसका आयात अमेरिका, ब्राजील और उजबेकिस्तान से भी करता है मगर इन देशों से कपास खरीदना पाकिस्तान के लिए काफी ज्यादा महंगे का सौदा होता है लिहाजा कपास निर्मित वस्तुओं की कीमत इतनी बढ़ जाती है कि पूरी इंडस्ट्री की हालत खराब हो चुकी है।
अगर पाकिस्तान भारत से अपनी जरूरत के मुताबिक कपास खरीदता है तो उसे काफी ज्यादा सस्ता पड़ेगा। वहीं, भारत से कपास बेहद कम वक्त में पाकिस्तान भी पहुंच जाएगा जबकि अमेरिका या ब्राजील से आयातित कपास को पाकिस्तान पहुंचने में 2 महीने से ज्यादा का वक्त लगता था। ऐसे में पाकिस्तान अगर भारत से कपास खरीदता है तो उसे फायदा ही फायदा है।
कपास के सहारे पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में काफी योगदान है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री पाकिस्तान में 30 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया कराता है। पाकिस्तान टेक्सटाइल मिनिस्ट्री के मुताबिक इस वक्त पाकिस्तान के करीब 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं और अगर ऐसे में कपास खरीदी पर असर पड़ता है तो भारी संख्या में लोगों की नौकरियां खत्म होंगी। वहीं, पाकिस्तान, चीन, भारत और बांग्लादेश के मुकाबले कपास का सबसे बड़ा उत्पादक भी है।
पाकिस्तान मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल इंडस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान निर्यात में 60 प्रतिशत से ज्यादा योगदान टेक्सटाइल का है। पाकिस्तान के पूरे मैन्यूफैक्चरिंग में इसका करीब 46 प्रतिशत से ज्यादा योगदान है और पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का करीब 10 प्रतिशत योगदान है। इस वक्त पाकिस्तान की GDP 278 बिलियन डॉलर यानि करीब 20 लाख करोड़ रुपये के आसपास है यानि कॉटन इंडस्ट्री से पाकिस्तान की जीडीपी को करीब 27 बिलियन डॉलर यानि करीब 2 लाख करोड़ (भारतीय रुपये) मिलता है। ऐसे में अगर पाकिस्तान में टेक्सटाइल इंडस्ट्री टूटता है तो ना सिर्फ पाकिस्तान की जीडीपी बर्बाद होगी बल्कि लाखों लोगों की नौकरी भी खत्म हो जाएगी।