UNGA में भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब, लादेन के समर्थक इमरान के देश में हैं 130 आतंकी
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न्यूयॉर्क। भारत की तरफ से यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (यूएनजीए) में राइट टू रिप्लाई का प्रयोग पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की स्पीच का जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय की फर्स्ट सेक्रेटरी विदिशा मैत्रा की ओर से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया गया है। इमरान ने अपने पहले संबोधन में यूएन के इस मंच से भारत को परमाणु युद्ध की धमकी दी है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में एक बार भी पाकिस्तान का जिक्र तक नहीं किया था।
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पाकिस्तान को फटकारा
मैत्रा ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को स्वीकार करेगा कि दुनिया में अकेला यह देश ऐसा है जहां की सरकार जो यूएन की तरफ से अल कायदा और दाएश की प्रतिबंध लिस्ट में आए व्यक्ति को पेंशन देती है। मैत्रा ने इमरान के भाषण को पूरी तरह से झूठ का पुलिंदा करार दिया है। मैत्रा ने जब यह बात कही तो उनका इशारा 26/11 के मास्टरमाइंड और मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद की तरफ था। उन्होंने यह भी कहा कि इमरान ने यूएन के मंच का गलत प्रयोग किया और यहां से भारत को युद्ध और परमाणु हमले की धमकी दी है।
क्या पूरा करेंगे इमरान अपना वादा
विदिशा के शब्दों में, 'पीएम इमरान खान की ओर से परमाणु खतरे और इसके विनाश के बारे में बताना एक अस्थिरता की निशानी है न कि नेतृत्व की।' उन्होंने कहा कि अब जबकि इमरान ने यूएन के पर्यवेक्षकों को यह देखने के लिए पाकिस्तान आमंत्रित किया है कि वहां पर कोई भी आतंकी संगठन नहीं है, उन्हें अपना यह वादा पूरा करना होगा। इसके बाद विदिशा ने सवाल किया कि क्या पाकिस्तान इस बात की पुष्टि कर सकता है कि यह देश 130 उन आतंकियों और 25 ऐसे आतंकी संगठनों का घर नहीं है जिन्हें यूएन ने अपनी लिस्ट में रखा है?
लादेन के समर्थक इमरान
फर्स्ट सेक्रेटरी ने इमरान को फटकार लगाते हुए कहा, 'पीएम इमरान खान नियाजी आज के लोकतंत्र का पर्याय नहीं हैं। हम आपसे अनुरोध करेंगे कि आप अपने इतिहास के ज्ञान को थोड़ा ताजा कर लें। यह हरगिज मत भूलिए कि पाकिस्तान में अपने ही लोगों के खिलाफ नरसंहार को अंजाम दिया जा रहा है।' उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने उसे 27 में से 20 मानकों का उल्लंघन करने के लिए नोटिस नहीं पर नहीं रखा है? साथ ही उन्होंने इमरान से यह सवाल भी पूछा कि क्या वह न्यूयॉर्क में इस बात से इनकार कर पाएंग कि वह ओसामा बिन लादेन के खुले समर्थक नहीं रहे हैं।