चीन का दावा उनकी मिसाइल एचडी-1 ब्रह्मोस से बेहतर, पाकिस्तान कर रहा है खरीदने की तैयारी
बीजिंग। भारत और रूस की ओर से मिलकर विकसित हो रहे ब्रह्मोस रॉकेट सिस्टम को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मिसाइल सिस्टम माना जाता है। लेकिन अब पड़ोसी देश पाकिस्तान इस रॉकेट सिस्टम से भी बेहतर मिसाइल सिस्टम को चीन से खरीदने की तैयारी कर चुका है। चीन के राष्ट्रीय मीडिया की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तीन नवंबर को चीन की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। चीन ने इस सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम को हाल ही टेस्ट किया है।एचडी-1 को 188 मिलियन डॉलर की लागत से तैयार किया गया है।
एक साथ कई खूबियों वाली एचडी-1
चीन की इस सुपरसोनिक मिसाइल का नाम सुपरसोनिक मिसाइल है और ग्लोबल टाइम्स के आर्टिकल में इस मिसाइल को ब्रह्मोस से बेहतर बताया गया है। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इसके प्रतिद्वंदी काफी कम हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस मिसाइल का संभावित खरीददार हो सकता है। चीन का यह वेपेन सिस्टम एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को गहरे तक तबाह कर सकता है। इस मिसाइल सिस्टम को साउथ चीन स्थित गुआगंडॉन्ग होंगदा ब्लास्टिंग कंपनी में तैयार किया गया है। एचडी-1 एक ऐसा वेपेन सिस्टम है जिसमें मिसाइल, लॉन्च, कमांड एंड कंट्रोल, टारगेट इंडीकेशन और कॉम्प्रेहेन्सिव सपोर्ट सिस्टम दिया हुआ है।
पाकिस्तान के अलावा मिडिल ईस्ट देश खरीदेंगे
इस मिसाइल सिस्टम को एयरक्राफ्ट से लेकर शिप्स तक पर भी इंस्टॉल किया जा सकता है। इसके अलावा जमीन से भी इसे आसानी लॉन्च किया जा सकता है। चीन ने इसी हफ्ते नॉर्दन चीन में एक गुप्त जगह पर इसका टेस्ट किया है। चीन में मिलिट्री विशेषज्ञ वेई डोंग्शू के हवाले से अखबार ने लिखा है कि एचडी-1 एडवांस्ड सॉलिट फ्यूल से चलने वाला सिस्टम है जिसे इसके बाकी प्रतिद्वंदियों की तुलना में बहुत कम फ्यूल की जरूरत पड़ती है। कंपनी सरकार की मंजूरी के बाद एचडी-1 के बड़े स्तर पर उत्पादन और कई डील साइन करने का इरादा रखती है। वेई ने बताया कि पाकिस्तान के अलावा मिडिल ईस्ट के देश इस सिस्टम के लिए डील साइन कर सकते हैं। इन देशों की ओर से इस सिस्टम को खरीदने की रूचि दिखाई गई है।
ब्रह्मोस को बताया बेकार
वेई के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल बहुत महंगी है। साथ ही रूस और भारत की ओर से विकसित कम उपयोगी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस मिसाइल को दुनिया में 'कैरियर किलर' के नाम से जानते हैं और इसे दुनिया का सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम कहते हैं। ग्लोबल टाइम्स के आर्टिकल में इसकी रेंज के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है। ब्रह्मोस की रेंज करीब 300 किलोमीटर है। ब्रह्मोस इंडियन नेवी और आर्मी के लिए है और इसे जहाज के अलावा पनडुब्बी पर भी टेस्ट किया जा चुका है। दोनों सेनाओं ने इस मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। वेई और ग्लोबल टाइम्स ने उन मानकों का जिक्र भी नहीं किया है कि क्यों एचडी-1 ब्रह्मोस से ज्यादा कारगर है।