कुलभूषण जाधव को लेकर पाकिस्तान ने लिया बड़ा फैसला, इस वजह से आर्मी एक्ट में करेगा बदलाव
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। वो जल्द ही अपने आर्मी एक्ट में बदवाव कर सकती है। इस संशोधन के बाद पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव सिविल कोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकेंगे। सूत्रों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान सरकार आर्मी एक्ट में संशोधन करेगी और कुलभूषण जाधव को सिविल कोर्ट में सजा के खिलाफ अपील करने देगी।
साल 2017 में कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। ये सजा फील्ड आर्मी कोर्ट मार्शल ने दी थी। ये एक सैन्य अदालत थी, जिसमें पाकिस्तान के अधिकारी भी शामिल थे। गौरतलब है कि एफसीजीएम में न्यायाधीशों को कानून में कोई विशेषज्ञता रखने की आवश्यकता नहीं है।
पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव को 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि भारत इस दावे को खारिज करता है। भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव जो कि एक पूर्व नौसेना अधिकारी थे। उन्हें पाकिस्तान के सुरक्षाबलों द्वारा तब गिरफ्तार किया गया था, जब वो व्यापार के सिलसिले में इरान यात्रा में थे।
इस साल जुलाई में हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना कन्वेंशन के तहत भारत के कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस की अनुमति नहीं देकर अपने दायित्वों का उल्लंघन किया। कोर्ट ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वो उसे उचित काउंसलर एक्सेस दे। ये फैसला भारत के लिए बड़ी कामयाबी थी, क्योंकि आईसीजे ने फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को उसकी दी गई मौत की सजा की समीक्षा करनी चाहिए।
कोर्ट ने ये भी फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के गिरफ्तारी के बाद काउंसलर यात्राओं के लिए भारत के अधिकारों का उल्लघंन किया था। इंटरनेशनल कोर्ट ने 18 जुलाई को को भारत के पक्ष में 15-1 के बहुमत से फैसला सुनाया।
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