पाकिस्तान में 30 रुपये बढ़ाए गये पेट्रोल के दाम, अर्थव्यवस्था बचाने शहबाज सरकार का कठोर फैसला!
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, सरकार ने 27 मई से प्रभावी रूप से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल और हल्के डीजल की कीमतों में 30 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।
इस्लामाबाद, मई 27: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने इमरान खान के कड़े तेवर और आगामी महीनों में होने वाले लोकसभा चुनाव की परवाह नहीं करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बेहद सख्त फैसला लिया है और पेट्रोल की कीमत में 30 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा वस्तुओं पर सब्सिडी को समाप्त करने पर आवश्यक शर्त के बाद पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है।
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पेट्रोल के दाम 30 रुपये बढ़े
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, सरकार ने 27 मई से प्रभावी रूप से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल और हल्के डीजल की कीमतों में 30 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले के बाद अब पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 179.86 रुपये हो गई है, वहीं डीजल की कीमत 174.15 रुपये हो गई है। पाकिस्तान सरकार के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि, देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार का कुछ बोझ जनता पर डालना आवश्यक था। हालांकि, वित्तमंत्री ने कहा कि, पेट्रोल की कीमत 30 रुपये बढ़ाने के बाद भी सरकार अभी घाटे में चल रीह है और आईएमएफ से फंड हासिल करने के लिए जल्द ही फिर से बात की जाएगी।
इमरान खान ने किया था गेम
आपको बता दें कि, आईएमएफ ने पाकिस्तान को लोन देने पर रोक लगा दी थी, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता से बाहर होने से पहले पेट्रोल की कीमतें 10 रुपये घटा दी थी। दरअसल, पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार मूल रूप से बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत बढ़ाने की आईएमएफ की मांग पर सहमत हुई थी, लेकिन बाद में मार्च में, इमरान खान ने दोनों वस्तुओं पर सब्सिडी की घोषणा कर दी थी और वर्तमान सरकार उसी व्यवस्था के साथ चल रही थी। पाकिस्तान के वित्तमंत्री ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी के फैसले के बाद वित्तीय बाजारों में स्थिरता आएगी, रुपये में मजबूती आएगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
शहबाज सरकार ने क्या कहा?
पाकिस्तान के वित्तमंत्री इस्माइल ने कहा कि, आईएमएफ सौदे के खिलाफ जाने वाले खान ने पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी की घोषणा की थी जब उनकी सरकार का कार्यकाल समाप्त हो रहा था। वित्त मंत्री ने कहा, "हम सभी अपने देश के मालिक हैं। हम कैसे (ऐसी सब्सिडी) वहन कर सकते हैं जो सरकार के रोजमर्रा के मामलों को चलाने से तीन गुना अधिक खर्च कर रही है।" इस्माइल ने कहा कि यह समाज के निम्न-आय वर्ग के साथ अन्याय है कि जो लोग कार, उद्योग और जनरेटर के मालिक हैं, वे सब्सिडी का आनंद ले रहे हैं। वहीं, एक सवाल के जवाब में इस्माइल ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी से निश्चित तौर पर महंगाई बढ़ेगी। लेकिन उन्होंने जोड़ा कि, "लेकिन मुझे बताओ, हमारे पास यह कदम उठाने के बजाय क्या विकल्प था?"
पाकिस्तान सरकार के और सख्त कदम
पाकिस्तान का चालू खाता घाटा नियंत्रण से बाहर हो गया है और उसके विदेशी मुद्रा भंडार में काफी तेज गिरावट आई है जबकि पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया है। लिहाजा, पाकिस्तान में गैर-जरूरी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले हफ्ते पाकिस्तान की केन्द्रीय मंत्री मरियम औरंगजेब ने संवाददाताओं से कहा कि, 'वे सभी गैर-जरूरी विलासिता की वस्तुएं जिनका व्यापक जनता द्वारा उपयोग नहीं किया जा है, उनके आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है'। उन्होंने कहा कि, ये उपाय राजकोषीय अस्थिरता को दूर करने के लिए हैं, जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान की पिछली सरकार को दोषी ठहराया है। आपको बता दें कि, इमरान खान को पिछले महीने अविश्वास मत में देश की अर्थव्यवस्था को गलत तरीके से चलाने के आरोप में बाहर कर दिया गया था।
मुश्किल स्थिति में फंसा पाकिस्तान
आपको बता दें कि, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस वक्त काफी तेजी से बिगड़ रही है और पाकिस्तान को अगर फौरन मदद नहीं मिली, को देश के हालात अगले कुछ महीनों में श्रीलंका जैसे ही हो जाएंगे। कुछ अनुमानों में इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा लगभग 17 अरब डॉलर या उसकी जीडीपी से 4.5% से ज्यादा हो गया है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट आई है और पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने इस महीने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा है कि, फरवरी के अंत में पाकिस्तान के पास 16.3 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार था, जिसमें 6 अरब डॉलर और खत्म हो चुके हैं और पाकिस्तान के पास अब सिर्फ 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। वहीं, पाकिस्तान की फाइनेंस टीम कतर की राजधानी दोहा में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से दोबारा बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रही है।
पाकिस्तान के आर्थिक विश्लेषकों की राय
इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी राजनीतिक वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री और वित्तीय फारुख सलीम ने एशिया टाइम्स से बात करते हुए कहा कि, 'डॉलर के प्रवाह में कमी और चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित मित्र देशों से समर्थन की कमी के कारण रुपये पर काफी दबाव बढ़ रहा है'। उन्होंने कहा कि, "अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज मिलने में देरी ने भी देश में विदेशी मुद्रा भंडार को कम कर दिया है।" हालांकि, अब जब पाकिस्तान ने पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपये का इजाफा कर दिया है, तो अब आईएमएफ पाकिस्तान को 900 मिलियन डॉलर का नया कर्ज जारी कर सकती है।
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सरकार पर हमलावर इमरान खान
सामान्य मान्यता यही है, कि शहबाज शरीफ सरकार ने जो फैसला लिया है, वो काफी कठोर और अलोकप्रिय फैसला है और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर एक बार फिर से शहबाज शरीफ की सरकार को विदेशी ताकतों का गुलाम करार दिया है। इमरान खान ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और सरकार को जनता विरोधी कहा है। अपने ट्वीट में भारत की प्रशंसा करते हुए इमरान खान ने कहा कि, ‘विदेशी मालिकों के सामने सरेंडर करते हुए पेट्रोल की कीमतों में 20 प्रतिशत यानि 30 रुपये की बढ़ोतरी की गई है और गुलाम सरकार का खामियाजा देश की जनता ने चुकाना शुरू कर दिया है। इतिहास में पहली बार पेट्रोल की कीमतों में इतनी ज्यादा वृद्धि की गई है।' वहीं, इमरान खान ने अपने एक और ट्वीट में कहा कि, ‘इसके उलट, अमेरिका का सहयोगी होने के बाद भी भारत रूस से तेल खरीद रहा है और पेट्रोल की कीमतों को कम करने में कामयाब रहा है।'
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